बसपा के बैंक खाते में 104 करोड़ की माया


 बसपा की सुप्रीमों माया की पार्टी बसपा के खाते में 104 करोड़ का धन कहां से आया? ईडी विभाग भी नहीं समझ पाया। तो वहीं उनके भाई आनंद के खाते में भी करोड़ों का निकला माल। दिल्ली के करोल बाग में ईडी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में सोमवार को छापा मार कर इस रकम का खुलासा किया है। ऐसे में सवाल तो यही है कि जब आम जनता की जेबें टटोली जा सकती हैं तो फिर बड़ी पार्टियों और राजनेताओं और अफसरों की क्यों नहीं?
भाई आनंद के खाते में भी 1.43 करोड़, बेनामी संपत्ति की चल रही है जांच
नई दिल्ली। क्या है पूरा मामला-
  दिल्ली के करोल बाग में ईडी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में सोमवार की सुबह छापेमारी की।  यह छापेमारी देर शाम तक चलती रही।
ईडी को यूनियन बैंक की शाखा में दो ऐसे बैंक खाते मिले जिसमें करोड़ों रुपये जमा किए गए थे।  उसमें एक खाता मायावती के भाई आनंद के नाम था जिसमें ईडी को एक करोड़ 43 लाख रुपए मिले।  साथ ही दूसरा खाता बहुजन समाज पार्टी के नाम पर था जिसमें ईडी को लगभग 104 करोड़ रुपये मिले।

संदिग्ध खाते आयकर विभाग के हवाले -
इन दोनों खातों में रकम 8 नवंबर यानी नोट बंदी के बाद जमा की गई और ये पैसे टुकड़ों में जमा किए गए।  प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की जानकारी इनकम टैक्स विभाग को दे दी है।  अब इनकम टैक्स विभाग यह जांच करेगा कि इन दोनों खातों में मौजूद रकम कितनी सही है।  क्या यह रकम कालाधन तो नहीं।  अभी तक इस मामले में कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ और ना ही कोई गिरफ्तारी हुई है।


बैंक में बड़े पैमाने पर पुराने नोट हुए जमा
ईडी के यूनियन बैंक के इस ब्रांच के दो खातों में नोटबंदी की घोषणा के बाद संदिग्ध रूप से अत्यधिक मात्रा में पैसा जमा होने की खबर मिली थी।  सूत्रों की मानें तो यूबीआई की इस ब्रांच में हर रोज 15 से 20 करोड़ रुपये जमा हो रहे हैं, जिसके बाद ये दबिश दी गई।  ईडी ने बैंक से इन दो खातों का पूरा ब्योरा मांगा है और बैंक अधिकारियों से बैंक के अंदर लगे सीसीटीवी फुटेज और बैंक खातों के केवाईसी दस्तावेज देने के लिए भी कहा है।

मायावती के भाई जांच के घेरे में
दरअसल आयकर विभाग को को कई गुप्त जानकारियां मिली थीं कि आनंद कुमार कई बेनामी संपत्तियां जमा किए हुए हैं।  जांच कड़ी में आयकर विभाग ने नोएडा के कई बिल्डर्स को नोटिस भेजा है।  मायावती के भाई आनंद कुमार पर आरोप है कि उन्होंने प्राइवेट बिल्डरों के साथ गठजोड़ से बेनामी संपत्तियां बनाई हैं।  बिल्डरों के आनंद कुमार के साथ संबंध है और उन्होंने उनकी आवास परियोजनाओं में खूब कालेधन निवेश किया है।  आयकर विभाग ने इन बिल्डरों से जमीनों के संबंध में जानकारी मांगी है।

नोटबंदी पर मायावती के लगातर हमले
गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद मायावती लगातार मोदी सरकार को घेरने में लगी हुई हैं।  ऐसे में बीजेपी उन पर पलटवार कर सकती है।  सोमवार को मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि नोटबंदी का फैसला जल्दबाजी में ले लिया और अब यह उनके लिए गले की फांस बन गया है।  अपने चोर दरवाजे से बीजेपी ने पूंजीपतियों और धन्नासेठों का बहुत पैसा बहाया है। 
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