झारखंड में धंसी खदान, 7 की गई जान 60 ज्यादा फंसे
झारखंड के गोड्डा जिले में ईसीएल के भोड़ाय ओपन माइंस में हुए हादसे के कारण खदान में फंसे सात लोगों की लाशें निकाली गई हैं।
खदान के अंदर 60 से ज़्यादा लोग फंसे हैं। बीती रात 8 बजे ईसीएल की राजमहल परियोजना के लालमटिया में लैंडस्लाइड के कारण दो दर्जन से अधिक गाडिय़ां और कई लोग मिट्टी में दब गए थे। रात के अंधेरे और घने कोहरे के कारण वहां राहत का काम शुरू करने में 12 घंटे लग गए। इनमें से अधिकतर बिहार और उत्तर प्रदेश से यहां काम करने आए मजदूर और ड्राइवर हैं। मरने वालों में एक झारखंड, एक उत्तर प्रदेश और बाकी बिहार के हैं। हादसे के 12 घंटे बाद एनडीआरएफ की टीम यहां पहुंची। अभी राहत और बचाव का काम शुरू करने की कोशिशें की जा रही हैं।
झारखंड सरकार ने मृतकों के लिए दो-दो लाख रुपए और घायलों के लिए 25 हज़ार रुपए के मुआवज़े की घोषणा की है। राज्य की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा को मौके पर भेजा गया है।
रांची ।
प्रधानमंत्री ने जताया दु:ख-
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर इस हादसे पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है कि उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवरदास से बातचीत की है। उनको जरूरी निर्देश भी दिए हैं।
कौन-कौन सी हैं समस्याएं-
खदान के अंदर स्वाभाविक तौर पर आक्सीजन की कमी है। ऐसे में किसी भी प्रभावित का बच पाना चमत्कार ही होगा। ग्रामीणों ने बताया कि घटनास्थल के पास पर आक्रोशित लोगों का हुजूम है। सीआईएसएफ के जवान उन्हें घटनास्थल तक जाने से रोक रहे हैं।
विधायक की शिकायत की हुई अनदेखी-
महागामा के विधायक अशोक भगत ने बताया कि भोड़ाय ओपन माइंस में कोयले का वर्टिकल पहाड़ बन चुका था।
अशोक भगत का दावा है कि उन्होंने इसके लिए बहुत पहले जिम्मेवार अधिकारियों को मेल किया था, लेकिन इसके बावजूद ईसीएल प्रबंधन ने उनके पत्र पर ध्यान नहीं दिया।
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