धान खरीदी में कम तौल का झोल





 कांकेर के धान खरीदी केंद्रों की सारी व्यवस्था ढेर हो चुकी है। यहां के परलकोट में महाराष्ट्र का धान कोचियों के माध्यम से खपाया जा रहा है। इस काम में कोचियों का सहयोग धान खरीदी केंद्रों के प्रभारी कर रहे हैं। तो वहीं हर बोरे में एक से डेढ़ किलो धान कम तौला जा रहा है। तो वहीं इसी केंद्र पर कलेक्टर ने एक बार छापा मारा था, उस दौरान यहां बारदाना भी कम पाया गया था। इसके बाद बजाय कार्रवाई करने के केंद्र प्रभारी को नोटिस देकर सरकार ने पल्ला झाड़ लिया। इसी कम तौल के झोल में किसानों की कमाई गोल हो रही है। तो वहीं कोचिए कमा कर लाल हो रहे हैं। सवाल तो यही है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? इसके लिए आखिर कौन जिम्मेदार है?
-धान के किसान उठा रहे नुकसान, कोचिए खपा रहे दूसरे राज्यों का धान, केंद्र प्रभारी मारते हैं डंडी
परलकोट क्षेत्र में धान खरीदी में जमकर हो रहा भ्रष्टाचार, प्रशासन की लचर व्यवस्ता से भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद, जांच के नाम पर नोटिस जारी कर धान खरीदी केंद्र प्रभारियों के खिलाफ होती है खानापूर्ति   
कांकेर ।  परलकोट क्षेत्र के कई धान खरीदी केन्द्रों में गड़बड़झाला सामने आया है ।  जबकी इस वर्ष प्रदेश में धान संबंधित किसानों का मुद्दा गरमाया हुआ है ।  जिसे देखते हुए प्रदेश के मुख्या डॉ रमन सिंह और मुख्य सचिव खुद इस वर्ष धान खरीदी में नजरें बनाये हुए हैं ।  इसके बावजूद कांकेर जिले के परलकोट ईलाकों में किसानों को धान खरीदी केन्द्र प्रभारी जमकर ठग रहे हैं ।  धान खरीदी के शुरुआती दौर में जाँच के नाम पर वह कलेक्टर के निर्देशानुसार खरीदी केन्द्रों में जाँच दल छापेमार की कार्यवाही की थी ।  उस दौरान पखांजूर क्षेत्र के ग्राम पीव्ही-32 धान खरीदी केंद्र में प्रशासन की टीम ने दबिश दी थी ।  मौके से धान केंद्र प्रभारी सुबीर सरकार नदारद मिले थे और खरीदी केंद्र से 35 बारदाना कम पाया गया था । 

कार्रवाई के नाम पर लीपापोती-
कार्रवाई के नाम पर प्रशासन ने केंद्र प्रभारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब करने को कहा था । लेकिन रसूखदार केंद्र प्रभारी ने मामले की लीपापोती करवा लिया।
परलकोट में भी हो रही कम तौल-
       यही नहीं परलकोट इलाके में कई धान खरीदी केन्दों के केंद्र प्रभारियों द्वारा किसानों से प्रति बारदाना में 1 से 2 किलो अधिक धान की तौल कर किसानों को ठगा जा रहा है ।  वही ऐसे भ्रष्ट केंद्र प्रभारियों के खिलाफ प्रशासन कार्यवाही के नाम पर मात्र नोटिस जारी कर खानापूर्ति कर रही है ।  प्रत्येक बारदाना में 40 किलो धान तौल कर किसानों से ठगी की जा रही है ।  लेकिन कई धान खरीदी केन्दों में केंद्र प्रभारियों द्वारा किसानों से हर बारदाना में 40 किलो के बजाय 1 से 2 किलो तौल में ज्यादा केंद्र प्रभारी धान खरीद रहे हैं ।  वही क्विंटल के हिसाब से धान का आकलन निकाला जाये तो किसानों को हजारों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है ।  इसी तरह धान खरीदी केंद्र प्रभारियों द्वारा परलकोट इलाके में किसानों से ठगी कर करोड़ों रुपयों का भ्रष्टाचार किया जा रहा है । 
कोचियों के जरिये होता है धान खरीदी में भ्रष्टाचार  
दरअसल परलकोट क्षेत्र में धान खरीदी में हो रहे भ्रष्टाचार में अहम् भूमिका कोचियों की होती है । धान खरीदी की गाइड लाइन के अनुसार किसान अपना खुद का पट्टा दिखाकर प्रदेश सरकार द्वारा तय किये गए धान के समर्थन मूल पर धान बेचेगा ।  लेकिन इन इलाकों के किसानों को कोचिया झांसे में फंसाकर कम दर पर किसानों से धान की खरीदी कर रहे हैं ।  वहीं बाहरी किसान से खऱीदे गए धान को किसना का पट्टा और परिचय पत्र दिखा कर सरकार के द्वारा तय किये गए समर्थन मूल पर बेचा जा रहा है ।  यह भ्रष्टाचार कोचिय और केंद्र प्रभारी की मिलीभग से मिलकर हो रहा है ।

सीमावर्ती इलाकों के चलते होती है धान की तस्करी
 महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सीमा को पार कर महाराष्ट्र के किसानों से धान खरीदी कर धान तस्कर परलकोट में महाराष्ट्र के धान को खपा रहे हैं ।  जिसका सीधा नुकसान छत्तीसगढ़ सरकार को हो रहा है ।  
कई धान खरीदी केन्द्रों में नहीं की गई है गार्ड की तैनाती
खरीदी केन्दों में धान की सुरक्षा को लेकर और कोचियों पर नजऱ बनाये रखने के लिए खरीदी केन्दों में गार्ड की तैनाती की जानी है ।  लेकिन परलकोट क्षेत्र के ज्यादा तर खरीदी केन्द्रों में प्रशासन ने गार्ड की नियुक्ति ही नहीं की है ।  यही कारण है कि इन ईलाकों के धान फड़ी में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा है । 

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