पेशन के टेंशन में टीचर्स की नींद हराम



  नोटबंदी और बाजार की मंदी के बाद भी ये गंदी व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। राजधानी के जिन अध्यापकों ने पूरा जीवन खपाकर तमाम अधिकारी और कर्मचारी बनाए। वे ही अब शिक्षकों की पेंशन देने में आनाकानी करते हैं। इसी के टेंशन में टीचर्स की नींद हराम हो गई है। उनको दवाओं तक के पैसों के लिए सोचना पड़ रहा है। इससे भी दु:खद बात तो ये है कि मुख्यमंत्री से लेकर शिक्षा मंत्री तक से गुहार लगाने के बाद भी इनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में सवाल तो यही उठता है कि क्या यही  है गुरू को भगवान मानने की असलियत?

सामने आई गुरू को गोविंद मानने वालों की असलियत,
रायपुर।
क्या है पूरा मामला-
ताउम्र छात्रों का भविष्य गढऩे वाले इन शिक्षकों को, उम्र के इस पड़ाव पर अब अपनी ही जि़ंदगी अंधेरे में दिखायी दे रही है।  चेहरे में झुर्रियों के साथ ये प्रदेश के उन अनुदान प्राप्त स्कूलों से रिटायर्ड शिक्षक हैं, जिन्हें ना तो पेंशन मिल रही है और ना ही ग्रेच्चुटी का फायदा।  रिटायर होने के बाद शिक्षकों के पास घर चलाने और इलाज करवाने तक के पैसे नहीं हैं।
सीएम से लेकर शिक्षामंत्री तक के लगा चुके चक्कर-
पेंशन की मांग को लेकर ये हज़ारों दफे सीएम से लेकर शिक्षामंत्री और अधिकारियों के चक्कर काट चुके हैं लेकिन केवल आश्वासन के अलावा इन्हें अब तक कुछ नहीं मिला।  शासकीय अनुदान प्राप्त सेवानिवृत्त शिक्षक कर्मचारी संघ ने इसके लिए कांग्रेस और वर्तमान की बीजेपी सरकार को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।
नहीं मिल पा रही ग्रेच्युटी-
संघ का कहना है कि ग्रेच्युटी एक्ट में ये साफ उल्लेख है कि 1997 से रिटायर होने वाले अनुदान प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों को ये सुविधा दी जाए लेकिन सरकार ने आदेश जारी करते समय बड़ा बदलाव कर दिया जिसमें उनको ग्रेच्चुटी नहीं मिल पा रही।  इन रिटायर्ड शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा विभाग का अमला लगातार उनके साथ धोखा कर रहा है।
दोयम दर्ज का बर्ताव कर रही सरकार: शर्मा-
वहीं पूर्व शिक्षामंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि अनुदान प्राप्त शिक्षकों के साथ भाजपा सरकार दोयम दर्जे का बर्ताव कर रही है।  उन्होनें तात्कालीन शिक्षा मंत्री रहते हुए एक कमेटी का गठन भी किया था।  लेकिन सरकार बदलने के साथ ही इस कमेटी की सिफारिशों को सरकार ने कूड़े में डाल दिया।
जल्द ही करेंगे विचार: शिक्षा मंत्री-
वहीं वर्तमान भाजपा सरकार के शिक्षा मंत्री केदार कश्यप कहना है कि अनुदान प्राप्त शिक्षकों की समस्याओं को लेकर उनका प्रतिनिधिमंडल मिला था जल्द ही उनकी समस्याओं विचार किया जाएगा।



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