खूंटी में बंधी सरकारी नाव और नक्सलियों का ताव




गीदम ब्लॉक के इंद्रावती नदीपार में बसे ग्रामीणों की सुविधा के लिये प्रशासन ने बोट तो मुहैया करा दिया, लेकिन ये कश्ती अब तक खूंटे से बंधी है। क्योंकि नक्सलियों ने ताव में आकर धमकी दी है कि कोई भी व्यक्ति बोट को हाथ लगाया तो इसका अंजाम बुरा होगा, लिहाजा ग्रामीण अब भी डोंगियों के सहारे नदी पार कर रहे हैं। ऐसे में सवाल तो यही है कि अगर सरकार इनको सुरक्षा नहीं मुहैय्या करवा पाती तो फिर ये सुविधा किस काम की ?

दंतेवाड़ा।
अभी भी डोंगी के सहारे जिंदगी-
दरअसल, एक अरसे से इंद्रावती नदीपार बसे ग्रामीण अपनी सुविधा के लिये प्रशासन से बोट की मांग कर रहे थे, पिछले महीने सीएम द्वारा ये बोट पंचायत को सौंपी गयी थी और बोट संचालन की जिम्मेदारी भी ग्रामीणों को ही दी गयी थी। पहले दिन बोट तो बोट में सवार होकर ग्रामीणों ने नदी में दिन भर विहार किया, लेकिन शाम ढलते ही नक्सलियों ने बोट को खूंटे से बांध दिया, तब से किसी की हिम्मत नहीं हुई की बोट को खूंटे से खोल के नदी में उतार दे।

पुल को लेकर भी नक्सली संगठन नाराज-
वहीं एक ग्रामीण ने बताया कि कोडऩार घाट पर अक्टूबर महीने में पुल की मांग को लेकर जो बैठक बुलाई गयी थी। उससे भी नक्सली खासे नाराज हैं। नक्सलियों ने उस बैठक में शामिल होने वाले आधा दर्जन के से ज्यादा लोगों को पिटाई भी की थी। ऐसे में अब बोट से दूरी बनाये रखने के फरमान को न मानना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
साप्ताहिक बाजार का दिन हो या आम दिन लोग अब भी डोंगियों के सहारे ही अपनी जीवन की नैय्या पार लगा रहे हैं। बीमार और गर्भवती महिलाओं को लाने ले जाने के लिये भी डोंगियों का ही सहारा लेना पड़ रहा है।
वर्जन-
मुझे बोट के संचालन को लेकर नक्सलियों की आपत्ति के बारे में जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो ये बेहद ही दुखद बात है, वैसे भी ये बोट ग्रामीणों और कर्मचारियों की सुविधा के लिये मुहैया कराई गई है।
सौरभ कुमार
कलेक्टर
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