निर्भया की चौथी बरसी पर फिर आफत बरसी
देश के दिल,दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था है ढिल्ली, निर्भया कांड की चौथी बरसी पर फिर एक निर्भया मिली। इस बार एक 20 वर्षीया युवती के साथ कार में अनाचार का मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपी को उसके दोस्त के घर से गिरफ्तार कर वारदात में इस्तेमार की गई कार को बरामद लिया है। उस पर गृह मंत्रालय का स्टिकर भी लगा है। ऐसे में सवाल तो यही है कि अखिर कब तक बेटियों पर इस तरह की आफत बरसती रहेगी? क्या समाज ने न बदलने की कसम खा रखी है? क्या ऐसे ही सुरक्षित रहेगी देश की बेटी?
नई दिल्ली में युवती से चलती कार में किया अनाचार, आरोपी गिरफ्तार
नई दिल्ली।
क्या है पूरा मामला-
पुलिस के मुताबिक, पीडि़त युवती नोएडा की रहने वाली है। बुधवार को नौकरी की तलाश में वह दिल्ली आई थी। दिन भर नौकरी की तलाश के बाद रात तकरीबन 9 बजे वह घर जाने के लिए एम्स के पास बस का इंतजार कर रही थी, तभी एक लग्जरी कार युवती के पास आकर रुकी। कार चालक ने युवती को रात होने का हवाला देते हुए नोएडा छोडऩे की बात कही।
घर जल्दी पहुंचने की बात सोचकर युवती कार में बैठ गई। जिसके बाद आरोपी कार चालक उसे काफी देर तक दिल्ली की सड़कों पर घुमाता रहा। तकरीबन 11 बजे आरोपी ने मोतीबाग के पास कार रोकी और युवती के साथ छेड़छाड़ करने लगा। आरोपी ने युवती को डरा-धमकाकर उसके साथ बलात्कार किया। किसी तरह पीडि़ता वहां से भागने में कामयाब रही।
युवती ने पुलिस को दी जानकारी-
पीडि़ता ने पास ही पेट्रोलिंग कर रही पुलिस की पीसीआर वैन में गश्त कर रहे पुलिसकर्मियों को आपबीती बताई। पुलिस फौरन मौका-ए-वारदात पर पहुंची लेकिन तब तक आरोपी वहां से भाग चुका था। पुलिस ने आरोपी की कार को जब्त कर लिया। पुलिस ने बिना किसी देरी के आरोपी की तलाश शुरु की और देर रात ही आरोपी को उसके एक दोस्त के घर से गिरफ्तार कर लिया।
कार पर लगा मिला गृह मंत्रालय का स्टिकर-
हैरानी की बात यह है कि आरोपी की कार पर पुलिस को गृह मंत्रालय का स्टिकर लगा हुआ मिला। पुलिस ने कार से पीडि़ता का फोन भी बरामद किया है। पीडि़ता की मेडिकल रिपोर्ट में भी रेप की पुष्टि हुई है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 357/376 के तहत मामला दर्ज कर उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। पुलिस कार में लगे स्टिकर की पड़ताल कर रही है।
16 दिसंबर, 2012 को हुआ था निर्भया कांड
गौरतलब है कि 4 साल पहले, आज की ही तारीख यानी 16 दिसंबर, 2012 को निर्भया के साथ गैंगरेप हुआ था। चलती बस में 5 लोगों ने एक मेडिकल स्टूडेंट के साथ दरिंदगी की सारी इंतेहा पार कर दी थी। जख्मी हालत में उसको अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कई दिनों तक वो बिस्तर पर पड़ी जिंदगी और मौत की जंग लड़ती रही। आखिरकार 29 दिसंबर, 2012 को निर्भया जिंदगी की जंग हार गई। निर्भया की मौत हो गई।
4 साल बाद भी दिलवालों की दिल्ली जस की तस
राजधानी की सत्ता बदल गई, हुक्मरान बदल गए लेकिन महिलाओं को लेकर दिल्ली का नजरिया आज भी वहीं है। 4 साल बीत जाने के बाद आज भी ये दिल्ली घूरती है, महिलाओं का शोषण करती है और महिला अधिकारों और महिला सशक्तिकरण जैसे शब्दों की आबरु को तार-तार करती है। बहरहाल उम्मीद है एक न एक दिन दिल्ली के हालात जरुर बदलेंगे, देश के हालात बदलेंगे । मगर सवाल तो यही है कि क्या फिर बलात्कार जैसी घिनौनी बीमारी से जकड़ा हमारा देश आजाद हो पाएगा?
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