कहां है गरीब के करीब सरकार




गरीब के करीब होने का दावा करने वाली सरकार का असली चेहरा देखकर आप कांप जाएंगे। जहां जगदलपुर के महारानी अस्पताल में दंतेवाड़ा के भांसी के एक बेहद गरीब दंपत्ति ने अपनी नवजात बच्ची को इस उम्मीद से दाख़्िाल कराया था, कि इतने बड़े अस्पताल में उनकी बच्ची का सलीके से इलाज होगा और बच्ची बच जाएगी। गरीब मां-बाप अपना पेट भरने के लिए खोजते रहे दाना। अस्पताल के अधिकारी बनाते रहे बहाना, और उनकी लाडली बेटी हो गई स्वर्ग की ओर रवाना। वाह...रे सुराज की सरकार का तानाबाना?सरकार की इस चाल पर सवाल उठता है कि आखिर कौन खा रहा है गरीबों के हिस्से का राशन और दवाएं। कम से कम ये तो बताएं?

मां- बाप लगे थे अपनी दो जून की रोटी के इंतजाम में और अस्पताल में बेटी की हो गई मौत,

 जगदलपुर ।


क्या है पूरा मामला-
 दरअसल, 14 दिसम्बर को दंतेवाडा जिले के भांसी से एक दंपति दो दिन की बच्ची को महारानी अस्पताल में भर्ती कराने के लिए लेकर आया था। नवजात को नर्सरी वार्ड में भर्ती करवाने के बाद माता-पिता गायब हो गए।  हालत बिगडऩे पर बच्ची की मौत हो गई। मौत की खबर मिलने पर जब नवजात के अभिभावकों को ढूंढा गया तो वो कहीं नहीं मिले।  इस बात की सूचना पुलिस को दी गई।  जिन्होंने माता-पिता की तलाश शुरू कर दी।
इस दौरान बच्ची के शव को शवगृह में रख दिया गया।  पूरे मामले की भनक पडऩे पर मीडिया भी अस्पताल पहुंची, तो मामला प्रकाश में आ गया।
पूरी घटना के नौ दिन बाद बुधवार को बच्ची के माता-पिता अस्पताल पहुंचे और अपनी बेटी का शव मांगा।
दो दिन रुकने के बाद ही चले गए थे गांव-
पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि बेटी की तबीयत खराब होने पर वो उसे अस्पताल लाए थे।  जहां दो दिन रुकने के बाद वो ये सोच कर चले गए कि बच्ची के ठीक होने पर उसे वापस ले जाएंगे।
क्या थी परेशानी-
दंपति की मानें तो अस्पताल में उन्हें एक ही व्यक्ति के लिए खाना दिया जाता था।  उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वो बाहर से खाना खरीद सकें।
ऐसे में गरीब दंपति रोज मजदूरी पर जाते थे, ताकि उन्हें दो वक्त की रोटी नसीब हो सके।
फिलहाल पुलिस ने माता-पिता के बयान दर्ज कर लिए हैं।  पुलिस चौकी प्रभारी एम. जे. सिंह ने पूछताछ करने के बाद बच्ची को शव को परिजनों को सुपुर्द कर दिया।

डॉक्टर्स और इंजीनियर्स के पास हैं गरीबीरेखा कार्ड-
ये वही जगदलपुर है जहां डॉक्टर्स और इंजीनियर्स के पास गरीबीरेखा के कार्ड्स हैं। गरीबों का राशन बाकायदा यही लोग उठा रहे हैं। तो वहीं जिम्मेदार अधिकारी आज भी कान में तेल डाले बैठे हैं।
दशहरे की छुट्टी में भी डस्टबिन में गिरी थी बच्ची-
दशहरे की छुट्टी के दौरान भी इसी महारानी अस्पताल में एक महिला को प्रसव पीड़ा उठी। उसे लेबर रूम में ले जाया गया। उसको वहां छोड़कर नर्सें बाहर चली गईं। बाद में उसने बच्ची को जन्म दिया जो टेबल से फिसल कर डस्टबिन में जा गिरी और बाद में उसकी मौत भी हो गई थी। अस्पताल प्रबंधन ने इस मामले पर भी लीपापोती कर बच निकला।

बॉक्स-
खांसते-खांसते निगल गया पेन... अब होगा आपरेशन !


पेन लेकर कुछ लिख रहे एक व्यक्ति द्वारा खांसते ही वह बॉल पेन उसके मुंह में से अंदर चले जाने की घटना सामने आई है। सुनने में जरूर अजीब लगता है परंतु मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उक्त युवक को दाखिल किया गया है। बॉल पेन उसके पेट में जाकर किसी आंत में फंस गई है। चिकित्सकों ने बताया कि ऑपरेशन के बाद ही वह ठीक हो पायेगा।
क्या है पूरा मामला-
जानकारी के अनुसार बसंतपुर रामनगर निवासी 65 वर्षीय दल्लु पिता कलवारी दोपहर 2 बजे के लगभग घर में बैठ एक कागज पर बॉल  पेन लेकर मोबाईल नम्बर नोट कर रहा था। मुंह के पास पेन ले जाते समय अचानक उससे खांसी आ गई। परिस्थिति उस वक्त जैसी भी बनी होए परंतु पूरा का पूरा बॉल पेन उसके मुंह के अंदर गले में चला गया। उक्त युवक ने मुंह में हाथ डालकर बॉल पेन को निकालने की कोशिश की, परंतु पेन अंदर चला गया। चिकित्सकों के अनुसार अंदर जाकर आंत मे फंस गया है। उसे बाहर निकालने के लिये ऑपरेशन की तैयारियां की जा रही थी।
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