न फुलस्टॉप न कॉमा, जारी है यूपी में सियासी ड्रामा

  आजम खान सपा का झगडा सुलझाने की कोशिश में कामयाब रहे और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अपने साथ लेकर मुलायम सिंह यादव के घर पहुंचे।  इन दोनों के साथ अबु आज़मी भी थे। अखिलेश यादव ने सुलह की शर्तों के साथ 207 विधायकों की लिस्ट मुलायम सिंह को सौंपीं।  इस बैठक में मुलायम ने शिवपाल यादव को भी बुलाया गया था। तो वहीं विधायकों की बैठक में भावुक हुए अखिलेश यादव रो पड़े और उन्होंने कहा कि वो पिता से अलग नहीं हैं। तो वही अपने सियासी कौशल का परिचय देते हुए तीन शर्तें रख दीं। फिलहाल खबर लिखे जाने तक न फुल स्टॉप न कॉमा जारी था यूपी का हाईप्रोफाइल सियासी ड्रामा।

सुलह की शर्तों के साथ अखिलेश ने मुलायम को थ
माई अपने समर्थक 207 विधायकों की लिस्ट, संरक्षक बनाकर हाशिए पर ले जाने की तैयारी

लखनऊ/ नई दिल्ली।
अबू आज़मी ने दिया बड़ा बयान-
 मुलायम सिंह को लेकर सपा नेता अबु आजमी ने दिया बड़ा बयान, कहा- उनके साथ सब दलाल जमा हो गए हैं, सब गलत राय दे रहे हैं।
ये हैं सुलह के 3 फार्मूले-
 मुलायम सिंह और अखिलेश यादव के बीच सुलह के तीन फॉर्मूले सामने आए हैं।  पहला- अमर सिंह को पार्टी से निकाल दिया जाए।  दूसरा- अखिलेश यादव को पार्टी का अध्यक्ष घोषित कर दिया जाए और मुलायम सिंह यादव संरक्षक के तौर पर रहें।  और तीसरा- दो जनवरी को होने वाली बैठक को रद्द कर दिया जाए।
फेल हुए शिवपाल-
मुलायम सिंह यादव के कंधे पर बंदूक रखकर लगातार निशाने लगाने वाले शिवपाल भी बुरी तरह पिट गए। तो वहीं मुलायम सिंह यादव की असलियत भी जनता ने दिखा दी।  सारा समीकरण समझ में आने के बाद ही संभवत: उधर से आजम ख़ान को भेजा गया। दरअसल आजम खान ही वो व्यक्ति हैं जिनकी मुलायम सिंह और अखिलेश दोनों ही काफी इज्जत करते हैं।

हाशिए पर जाते मुलायम-
अखिलेश यादव की शर्तों में मुलायम सिंह यादव को पार्टी का संरक्षक बनाए जाने की बात कही गई है। यानि एक तरह से अब मुलायम सिंह को हाशिए पर डालने की कवायद की जा रही है। अध्यक्ष की कुर्सी भी अखिलेश को देने की पेशकश की गई है।

बैठक में रो पड़े अखिलेश-
बैठक में अखिलेश यादव से बोले विधायक- जनता ने आप पर भरोसा दिखाया है, नेता जी का सम्मान और आपका नेतृत्व बैठक में रो पड़े अखिलेश यादव और कहा, 'पिता को उत्तर प्रदेश जीत कर तोहफा दूँगा।  मैं पिता से अलग नहीं हूं।
लालू ने की मुलायम से बात-
Óलालू प्रसाद यादव ने मुलायम सिंह से बात की और कहा- सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ एकजुट रहने की जरूरत है। सपा के वरिष्ठ नेता बेनी प्रसाद वर्मा बैठक में शामिल होने के लिए मुलायम सिंह यादव के घर पहुंचे। अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह पर भारी पड़ते दिख रहे हैं।  अब तक अखिलेश की बैठक में 198 विधायक पहुंच चुके हैं।

  क्या है पूरा नंबर गेम-
मुलायम सिंह यादव की बैठक में अभी तक 73 उम्मीदवार और सिर्फ 11 विधायक पहुंचे।  सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए मुलायम के घर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
सपा नेता अतीक अहमद ने कहा- नेता हमारे मुलायम सिंह हैं जबकि मुख्यमंत्री के तौर पर अखिलेश यादव हमारी पसंद हैं। 
समर्थकों की उमड़ी भीड़-
अखिलेश के घर के बाहर समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ी, सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। अखिलेश यादव की बैठक के लिए विधायकों और मंत्रियों का उनके आवास पर पहुंचना शुरू।  फिलहाल 100 विधायक और 12 मंत्री पहुंच चुके हैं।  इस बैठक में मोबाइल ले जाने की इजाजत नहीं है।

भाजपाई सांसद ने बताया सियासी ड्रामा-
बीजेपी सांसद सत्यपाल सिंह ने कहा- ये पारिवारिक ड्रामा लगता है क्योंकि मोदी जी आयाम पर लाए हैं राजनीति को कि गुंडे प्रवृति के लोग राजनीति में ना हों।  धीरे-धीरे सपा से गुंडे तत्व दूर हो रहे हैं और अखिलेश जी एक नेता के रूप में उभरेंगे।
सपा प्रवक्ता ने दिया स्तीफा-
सपा के प्रवक्ता पद से त्यागपत्र देने वाली जूही सिंह ने कहा- जब मेरे मुख्यमंत्री को निकाल दिया गया है तो ये मेरा दायित्व बनता है कि मैं भी प्रवक्ता के पद से त्याग पत्र दे दूं।  मैं नेता जी के खिलाफ नहीं हूं लेकिन अपने मुख्यमंत्री के साथ खड़ी हूं।
बेटा करेगा राज बेचारा बाप वन को जाएगा: अमर-
परिवार में फूट पर पहली बार बोले अमर सिंह ने अपनी चुप्पी तोड़ी है।  अमर सिंह ने कहा, 'आज तो कुछ ऐसा लग रहा है कि राम चंद्र कह गए सिया से ऐसा कलयुग आएगा, बेटा करेगा राज बेचारा बाप अब वन को जाएगा।  राजनीति में ये जो कुछ हो रहा है ये बिल्कुल गलत है।  मैं अपना पूरा समर्थन नेता जी को देता हूं।  उनकी अवमानना पार्टी का अनुशासन भंग करने के समान है।  उनके (मुलायम) के विरुद्ध कितने भी बड़े लोग जो कुछ भी काम कर रहे हैं, वो बिल्कुल असंवैधानिक, अनैतिक और गलत है। Óआज सुबह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने अखिलेश यादव को फोन किया और कहा कि वो अखिलेश के साथ हैं।  ममता ने कहा- डटे रहो हम तुम्हारे साथ हैं।
 कल क्या हुआ-
सपा प्रमुख ने शुक्रवार को अखिलेश और महासचिव रामगोपाल को कारण बताओ नोटिस जारी करने के महज पौन घंटे के अंदर दोनों को पार्टी से निकालने का फरमान सुना दिया।  उन्होंने कहा कि पार्टी बचाने के लिये उन्हें ऐसा सख्त कदम उठाया है।  मुलायम ने रामगोपाल द्वारा आगामी एक जनवरी को पार्टी के राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाये जाने को अवैध करार देते हुए कहा कि इसका अधिकार केवल राष्ट्रीय अध्यक्ष को है।  रामगोपाल के कदम से पार्टी को नुकसान हुआ है और चूंकि रामगोपाल के कृत्य में अखिलेश का भी समर्थन है, इसलिये उन्हें भी पार्टी से छह साल के लिये निकाल दिया गया था।
रविवार को रामगोपाल ने बुलाई बैठक-
रामगोपाल यादव ने उन्हें और अखिलेश को निष्कासित करने के फैसले को अवैध बताया है और पार्टी प्रमुख पर असंवैधानिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया।  बागी रामगोपाल ने कहा कि वह अब भी सपा के महासचिव हैं और रविवार को उनके द्वारा बुलाई गई बैठक किसी भी हालत में होगी।
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