कौन हैं कांतिलाल भूरिया : चंद्राकर



-कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पांच बार के सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री मध्यप्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया को तो आप जानते भी होंगे और पहचानते भी !! लेकिन जानते हैं ? सूबे के स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर न तो उन्हें जानते हैं और न पहचानते हैं। सरगुजा में आदिवासियों की मौत मामले को लेकर बनी ्रढ्ढष्टष्ट की टीम के छत्तीसगढ़ पहुंचने को लेकर जब सवाल अजय चंद्राकर से पूछा गया कि 'आज कांतिलाल भूरिया रायपुर आ रहे हैं सरगुजा में आदिवासियों की हुई मौत की जांच करेंगेÓ.तो छूटते ही अजय चंद्राकर बोले - ये कौन है कांतिलाल भूरिया? कांतिलाल भूरिया किस चीज के एक्सपर्ट हैं? वो तो राजनीति के एक्सपर्ट हैं? ऐसे में इस मामले पर वो क्या समझेंगे? जिम्मेदार विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे स्वास्थ्य मंत्री चंद्राकर यहीं नहीं रुके..Ó बोले- मैं उनकी हर बात का उत्तर नहीं दे सकता.।    

रायपुर ।
लगता है वे रायपुर से बाहर नहीं निकले: भूरिया-
अजय चंद्राकर के बयान पर कांतिलाल भूरिया भी कहां खामोश रहने वाले थे। कांतिलाल भूरिया से जब ये पूछा गया कि कि 'आपको तो सूबे के स्वास्थ्य मंत्री पहचानते ही नहीं है..तो कांतिलाल भूरिया ने कहाÓस्वास्थ्य मंत्री मुझे नहीं जानते! अगर मुझे नहीं जानते तो लगता है,  वो रायपुर से बाहर नहीं निकले होंगे यहीं आस-पास ही घूमे होंगे। भूरिया ने कहा कि और हम इस मुद्दे पर राजनीति करने नहीं आ रहे..हम गरीबों के आंसू पोछने आये हैं।
हमारी सरकार ने प्रमुखता से किया था प्रकाशित-
मैनपाट पर हुई आदिवासियों की मौत पर सोनिया ने बनाया जांच दल-
दरअसल सरगुजा संभाग के मैनपाट इलाके में डायरिया से हुई कई आदिवासियों की मौत हो गई थी। हमारी सरकार ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। इसकी जानकारी भी सोनिया गांधी को दी गई थी। इस मौत को लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश के बाद वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और सांसद कांतिलाल भूरिया की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच टीम छत्तीसगढ़ पहुंची है। इस टीम में भूरिया के अलावे आरसी त्रिपाठी और पनबका लक्ष्मी शामिल हैं।
ये बेहद दु:खद बात है: नेता प्रतिपक्ष-
राज्य के नेता प्रतिपक्ष टीएस. सिंहदेव ने कहा कि ये बेहद दु:खद बात है। उनको ऐसा नहीं कहना चाहिए था। वे प्रदेश के एक बहुत ही जिम्मेदार पद पर आसीन हैं। अलबत्ता वो ये भी कह सकते थे कि इस कमेटी को शासन-प्रशासन से कोई मान्यता नहीं मिली है। श्री भूरिया केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी रहे हैं। उनके लिए ऐसी बातें करना अशोभनीय है।


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