बह गया करोड़ों का पुल रह गई खाली जाली
-करोड़ों की लागत से बने पुल का रपटा लोकार्पण के 15 दिन बाद ही हो गया था लापता। जैसे ही इसकी खबर जलसंसाधन विभाग के अभियंताओं ने पाई, कबाड़ की जाली लगाकर उस पर 4 इंच की कांक्रीट डलवाई। वो भी तीन बारिशें तो सह गई मगर इस रविवार को हुई जोरदार बारिश में बह गई। इसके साथ ही राज्य में निर्माण की आड़ में हो रहे खिलवाड़ की पूरी कहानी कह गई। ऐसे में सवाल तो यही है कि क्या जनता के पैसों की बरबादी इसी तरह की जाएगी? तो वहीं सरकार इस पर जांच के नाम पर नाच वाला पुराना दांव लगाने में लगी है।
कबाड़ की जाली ने 3 बारिशें झेल डालीं, डलवाई थी रद्दी गिट्टी, अब गुम हुई सिट्टी-पिट्टी
रायपुर/ दुर्ग। रविवार को हुई बारिश ने प्रदेश में पुल और पुलिया के निर्माण में हो रही लापरवाही और भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया। जिले में तेज बारिश के कारण करोड़ों रुपये की लागत से बना पुल उखड़ गया।
बह गई कबाड़ की जाली और कांक्रीट-
लगातार बारिश के कारण पिछले एक हफ्ते से शिवनाथ नदी पर बने महमरा एनीकट के ऊपर से पानी बह रहा था। जलस्तर कम हुआ तो एनीकट पर बने रपटा की परत उखड़ चुकी थी। एनीकट रपटा का निर्माण 2011-12 में हुआ था। लोकार्पण होने के महज 15 दिनों के भीतर रपटा उखडऩे लगा था।
खुलासा होने पर जल संसाधन विभाग के अफसरों ने आनन-फानन में कबाड़ के लोहे की जाली बिछाकर कांक्रीट की 4 इंची परत बिछाई गई। कांक्रीट की यह परत भी महज चार साल चली। बारिश के कारण पिछले एक हफ्ते से नदी का जलस्तर बढऩे पर एनीकट के ऊपर पानी बहता रहा।
क्या हाल है अभी पुल का-
लोहे की पतली छड़ें भी कई जगह निकलने लगी हैं। एनीकट का गेट खोलने के लिए लगे स्लूस गेट के लीवर भी टेढ़े हो चुके हैं। पूर्वपार्षद राजकुमार साहू ने बताया कि लोहे की छड़े निकलने और कांक्रीट की परत बहने के कारण एनीकट पर आवागमन करने में परेशानी हो रही है। यहां से आने जाने वाले लोगों के साथ कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है।
सरकार पर निशाना
बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस विधायक अरुण वोरा ने कहा कि करोड़ों की लागत से बने एनीकट कम रपटा का सिर्फ तीन-चार साल में उखडऩा गंभीर मामला है। एनीकट कम रपटा के इस तरह उखडऩे से भविष्य में बड़ा हादसा हो सकता है। मामले की जांच होना चाहिए।
जल संसाधन विभाग के ईई केके नारंग ने कहा कि महमरा में बने एनीकट कम रपटा उखडऩे की जानकारी नहीं है। इस मामले की जानकारी लेने के बाद फौरन मरम्मत का काम कराया जाएगा। यह गंभीर मामला है। मामले में जरूरी कार्रवाई की जाएगी।
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