ऐसेबेड़ा बस्ती में लोगों की जान सस्ती






-कांकेर जिले के पखांजुर विकासखंड के ऐसेबेड़ा में स्वच्छ भारत अभियान का बेड़ा कैसे गर्क हो रहा है। ये किसी को भी बताने की जरूरत नहीं है। यहां के पंच,सरपंच और सचिवों ने इस योजना का मजाक बना डाला है। इसके चलते 4 सौ घरों की इस बस्ती में शौचालय महंगा और लोगों की जान सस्ती हो गई है। यहां लगभग हर घर में आधे-अधूरे शौचालयों को देखा जा सकता है। तो वहीं पंचों और सरपंचों ने अपने चुनावी शपथ पत्र में चुनाव के छह महीने के अंदर ही जलवाहित शौचालय बनवाने की भी शपथ लेता है, मगर यहां के सरपंच और पंच आज तक शौचालयों का निर्माण नहीं करवा पाए हैं। जिस अभियान पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभिमान करते हैं इन सरपंच और सचिव ने मिलकर उसकी जान निकाल ली है। सवाल तो यही है कि क्या बाकी देश में भी ये अभियान ऐसे ही चलेगा?


अधूरे बने शौचालयों ने बढ़ाई ग्रामीणों की मुसीबत,सरपंच और सचिव ने निकाली प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी अभियान की जान

कांकेर । जिले के पखांजुर ब्लॉक के ऐसेबेड़ा गांव को विधायक शंकर धु्रवा ने गोद ले रखा है। हमारी सरकार की टीम को ग्रामीणों ने बताया कि यहां 4 सौ परिवार निवास करते हैं। यहां पूरे गांव में शौचालयों का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है। इसमें गिरकर तमाम लोग घायल हो चुके हैं। तो कई लोग मरते-मरते बचे हैं।  वहीं कई मवेशियों की जान भी जा चुकी है, मगर शासन-प्रशासन के लोगों को लगता है कि किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार है। ऐसे में सवाल तो यही है कि ये सरपंच और सचिव आखिर कितने दिनों तक इस अभियान की जान निकालेंगे?
सरपंच और सचिव और एक अन्य पर आरोप-
ग्रामीणों ने बताया कि शौचालयों का निर्माण कार्य सरपंच विशेष्वर नाग और सचिव रंजीत रॉय के साथ  निर्मल सरकार  लो गोबिंदपुर का निवासी बताया जाता है। शौचालयों के निर्माण का कार्य देख रहे थे। इन लोगों ने पूरे गांव में अधूरे शौचालय बनाकर ग्रामीणों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं।  तो वहीं निर्मल सरकार का कहना है कि उसने पहले शौचालयों के निर्माण का कार्य अपने हाथ में लिया था मगर अब उसने इस काम को छोड़ दिया है।
सरपंच और सचिव भी नहीं बनवा पाए शौचालय-
जब भी चुनाव होता है तो अपने शपथ पत्र में उम्मीदवार लिखता है कि अगले छह महीने में वो जलवाहित शौचालय का निर्माण अपने घर के अंदर करवा लेगा। तो वहीं आलम ये है कि ऐसेबेड़ा के सरपंच विशेष्वर नाग और सचिव रंजीत रॉय ने भी अपने घरों में शौचालयों का निर्माण नहीं करवाया है। ऐसे में इनके ऊपर वैधानिक कार्रवाई होनी चाहिए थी मगर वो भी नहीं हो रही है।
ग्रामीणों को भी नहीं दी किसी योजना की जानकारी-
ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच और सचिव ने इन लोगों को किसी भी प्रकार की सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं दी है। ऐसे में सवाल तो यही उठता है कि फिर इनको होने और न होने से जनता को भला क्या फर्क पडऩे वाला है? इनके ऊपर सरकार को तत्काल वैधानिक कार्रवाई करनी चाहिए।

वर्जन-
शौचालयों का बिल अभी तक जमा नहीं हुआ है, जैसे ही जमा होगा हम कोशिश करेंगे कि अधूरे शौचालयों का निर्माण जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए।
विशेष्वर नाग
सरपंच
ऐसेबेड़ा
मुझे कुछ भी नहीं पता, जो सरपंच बोलेंगे वही होगा।
रंजीत रॉय
सचिव
ऐसेबेड़ा

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