मियां खुसड़ू की दूरंदेशी

खटर-पटर-

निखट्टू-
संतों ....  गांवों में एक प्राचीन कथा प्रचलित है कि अकबर बादशाह के दरबार में उनके साले मियां खुसड़ू की एकदम नहीं चलती थी। जब कि वहीं बीरबल को हर कोई पसंद करता था। बादशाह सलामत तो उनके मुरीद थे। यही बात मियां खुसड़ू को भीतर तक खाए जा रही थी। उनका तर्क था कि वे भी वे सारे काम कर सकते हैं जिसको बीरबल पलक झपकते ही निपटा देते हैं। उधर बादशाह सलामत थे कि वो मियां खुसड़ू को कोई मौका नहीं देते थे। काफी मिन्नतों के बाद उन्होंने अपनी धर्म बहन यानि महारानी को इस बात के लिए तैयार किया कि उनको भी एक मौका बादशाह सलामत दें। पहले तो बादशाह अकबर ये बात सुनते ही भड़क उठे और बोले कहां बेगम आपने भी उस नामुराद खुसड़ू का जोड़ हमारे दरबार के नौरत्नों में से एक से लगा डाली। अब बात महारानी की थी और वो ठहरा महारानी का भाई तो शहांशाह ने मन मसोस कर हुक्म दे दिया। कि कल मियां खुसड़ू ह$कीम के पास जाकर शाहजादे के लिए दवाएं लाएंगे। बस फिर क्या था खुसड़ू मियां तो यूं कुलांचें मारने लगे लगा कि किले की दीवार फांद जाएंगे। रात भर मियां खुसड़ू उधेड़बुन में पड़े रहे और जैसे ही सबेेरा हुआ जाकर शाही ह$कीम के यहां जा धमके। उसको लेकर रनिवास गए तो वहां पहले से बादशाह सलामत मौजूद थे। जैसे ही बातचीत का दौर शुरू हुआ कि तब तक वहां बीरबल भी आ धमके। इधर मियां खुसड़ू शाही ह$कीम की एक -एक दवा अपनी बहन को कायदे से समझाए जा रहे थे और इसी बीच अपने कुर्ते की जेब में कुछ छिपाए जा रहे थे। अचानक उनको थोड़ा गंभीर देखकर बीरबल ने पूछा कि मियां किस सोच में डूबे हो। मियां खुसड़ू ने संभलते हुए कहा अरे नहीं बीरबल कुछ नहीं। दरअसल हमारे शहंशाहे-आलम तो ये बात मानने को ही तैयार नहीं कि मैं भी आप ही की तरह दूर की सोचता हूं। बीरबल ने मुश्किल से अपनी हंसी दबाई बोले वो तो पूरा दरबार जानता है कि आप कितनी दूर की सोचते हैं? खैर आप ये बताइए कि ज़नाब अपने कुर्ते की जेब में क्या छुपाए जा रहे हैं। सुनते ही मियां खुसड़ू ने उसको और दबा लिया। अब शहंशाह का शक भी गहरा होने लगा उन्होंने कहा कि मियां खुसड़ू बताओ आप क्या दूर की सोच कर रखे हो। बड़ी मिन्नतों के बाद मियां खुसड़ू ने किसी बड़े विद्वान की तरह अपनी गर्दन गर्व से ताने हुए कहा- जहांपनाह... दरअसल जो दवाएं ह$कीम साहब ने हमारे भांजे के लिए दी थीं, उसको तो अपनी बहन को दे दिया मगर ये एक बेहद गोपनीय वस्तु है जिसे हम अपने पास ही संभाल कर रखे हुए हैं। बादशाह और बीरबल ने एक साथ पूछा कि ...क्या... मियां खुसड़ू ने शेखी बघारते हुए कहा ...क$फन। अगर दवाओं ने काम नहीं किया और कहीं शाहजादे का इंतकाल हो गया तो बिना समय गंवाए इसको बहन के सामने पेश कर दूंगा। सुनते ही बादशाह सलामत का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया उन्होंने कहा मियां खुसड़ू तुम हिफाज़त से ज्यादा गंवार हो। अभी इसी वक्त हमारे महल से निकल जाओ नहीं तो हम तुम्हारा सिर कलम कर देंगे। इतना सुनते ही मियां खुसड़ू वहां से चुपचाप सरक लिए। तो ऐसे ही पता नहीं कितने  मियां खुसड़ू हमारे भारतीय प्रधानमंत्रियों ने कश्मीर में पाल रखे हैं। जो खाते हमारे देश का है सुरक्षा हमारे जवान करते हैं और हमारे ही बच्चों के लिए जेब में क$फन लिए फिरते हैं। जरूरत है ऐसे जयचंदों की सारी सुविधाओं को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए। इसके अलावा इनको जिस किसी भी देश से ज्यादा मोहब्बत हो वहां भेज दिया जाए...क्यों समझ गए न सर... तो अब हम भी निकल लेते हैं अपने  घर। तो कल फिर आपसे मुलाकात होगी तब तक के लिए जय...जय।
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