गरीबों के आशियाने पर दंतैलों का कहर


सरगुजा जिला के लुण्ड्रा वन परिक्षेत्र में 11 सदस्यीय हाथियों का तांडव जारी है। धौरपुर थाना क्षेत्र के नागम गांव में गज दलों ने छह ग्रामीणों के मकान को धवस्त कर दिया। जिससे गांव में अफरा-तफरी का माहौल हो गया है। ग्रामीण आनन-फानन में आवश्यक वस्तु लेकर सुरक्षित स्थान चले गये हैं। लुण्ड्रा परिक्षेत्र में हाथियों का यह कोई पहला तांडव नहीं है। इसके पूर्व भी 14 दिनों से गज दल क्षेत्र में तांडव मचा रहे हैं।







वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार गज दलों ने अब तक 25 मकानों को नुकसान पहुंचाया है। और कई एकड़ गन्ना, मक्का व धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है। हाथियों के उत्पात से ग्रामीणों के साथ-साथ वन विभाग के अधिकारी भी काफी परेशान हैं। बिलासपुर से आई हल्ला पार्टी की टीम को हाथियों को भगाने में मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

25 मकान ढहाए, कई एकड़ गन्ना, मक्का और थान की फसलों का नुकसान
अम्बिकापुर।

वन विभाग के आला अधिकारियों की भी रात की नींद उड़ गई है। पिछले 14 दिनों से वन विभाग की टीम हाथियों की निगरानी कर रही है, लेकिन उन्हे बाहर खदेडऩे में कोई सफलता हासिल नहीं हो रही है।

कोरवा परिवारों ने पंचायत भवन में ली शरण -
गौरतलब है कि 11 सदस्यीय गज दल लुण्ड्रा वन परिक्षेत्र के ग्राम गगोली, किरकिमा, पसेना, रवाई, चितरपुर, सपनाभेडिया, डुमरडीह, कोयलारी सहित आसपास के अन्य गांव में उत्पात मचाने के बाद नागम गांव पहुंच गये हैं। हाथियों के झुण्ड ने गांव किरकिमा में घुसकर जमकर उत्पात मचाया। किरकिमा की बीच बस्ती में घुसकर पहाड़ी कोरवा परिवारों के लगभग 11 घरों को बुरी तरह से ढहा दिया था। ग्राम पंचायत लुण्ड्रा के ग्राम सरईपानी में भी हाथियों ने चार पहाड़ी कोरवाओ के घर ढहा दिये थे। हाथियों के डर से सहमे कोरवा परिवारों ने बस्ती में ही दूसरों के घरों व पंचायत भवन में शरण लिये हुये हैं। 

हल्ला पार्टी को मिल रही सफलता: रेंजर
लुण्ड्रा वन परिक्षेत्र के वनपरिक्षेत्राधिकारी जेबी राम ने बताया कि 24 अगस्त से 11 सदस्यीय गज दलों की टीम क्षेत्र के कई गांव में लगातार तांडव मचा रहे हैं। दो दिन पहले ही बिलासपुर से आई हल्ला टीम काफी हद तक गज दलों को खदेडने में कामयाब हो रही है। वन विभाग की टीम लगातार हाथियों के ऊपर निगरानी बनाये हुए है।

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