उरी हमले का बदला
सर्जिकल स्ट्राइक एक बेहद क्रिटिकल ऑपरेशन माना जाता है। तो भारतीय सेना इसकी सिध्दहस्त मानी जाती है। बुधवार की रात 2 बजे सेना के जांबाजों को पुख्ता जानकारी मिली कि कुछ आतंकवादी हमारी सरहद में घुसने की फिरा$क में हैं। बस फिर क्या था तत्काल इन लोगों ने ऑपरेशन की तैयारी की और एक घंटे से भी कम समय में 38 से ज्यादा आतंकवादियों को मार गिराया। सेना के जिम्मेदार अफसरों ने इसकी पुष्टि भी कर दी है।
किसी भी देश की सीमा पार कर वहां जाना वहां ऑपरेशन को अंजाम देना और फिर वापस लौट आना। अमेरिका के सील कमांडोज के अलावा दुनिया के गिने चुने कमांडोज ही ऐसे ऑपरेशंस को करने का साहस रखते हैं। हमारी सेनाओं के इस ऑपरेशन से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ काफी गुस्से में बताए जाते हैं। उन्होंने भारत को ललकारा है कि हम भी ऐसे ऑपरेशंस कर सकते हैं। आपको याद होगा कि जब अमेरिकी सील कमांडोज ने एबटाबाद में कार्रवाई कर ओसामा बिन लादेन को मारा था तो उसके बाद हमारी फौज के उच्च पदस्थ अधिकारियों ने ऐसे ऑपरेशन करने की क्षमता का जिक्र किया था। हालांकि उस वक्त पाकिस्तान ने ये कहते हुए घुड़की दी थी कि भारत इसकी तो सोचे भी न वर्ना अंजाम बुरे होंगे। बात चाहे जो भी हो देश की जनता के मन को ये खबर सुकून जरूर देगी कि हमारे जांबाजों ने अपने 20 सैनिकों की मौत का बदला 40 को मार कर लिया। इससे गांवों और गलियों में खुशी का माहौल है।
पाकिस्तान को ये बात समझ लेनी चाहिए कि कश्मीर कोई बकरी का बच्चा नहीं है कि उसको लेकर वो भाग जाएगा। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। उसको लेकर मुगालते पालना छोड़ दे। इसके अलावा अपनी धरती पर आतंकवाद की फसलें उगाना बंद कर दे । यदि वो ऐसा नहीं करता है तो जैसे वो दुनिया से कटता जा रहा है। उसको आतंकवादी देश घोषित होने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। इसके बाद क्या होगा ये पाकिस्तान के हुक्मरान अच्छी तरह समझते हैं। भारतीय नेतृत्व को चाहिए कि वो अपना कूटनीतिक प्रयास लगातार जारी रखें।
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