सोनहत की सड़क करती है लोगों को आहत
अच्छे दिनों का नारा देकर अपना-अपना चारा जुगाड़ करने वाले नेताओं मंत्रियों की असलियत देखकर आपका कलेज़ा मुंह को आ जाएगा। ये कोरिया जिले के सोनहत विधान सभा क्षेत्र की सड़क है। जो आए दिन न जाने कितनों को आहत करती है। इससे गिरकर नजाने कितने लोग अपने हाथ पैर तोड़ चुके हैं। कुछ लोग दोपहिया तो दूर साइकिल तक पर चढऩा छोड़ चुके हैं। इस क्षेत्र की लायक विधायक चंपा देवी पावले हैं। जो लालबत्ती वाली गाड़ी में आती जाती हैं। पर क्षेत्र की जनता का आरोप है कि जब से चुनाव जीती हैं मुंह तक दिखाने नहीं आती हैं। नाले का पानी यहां के लोग पी रहे हैं, और भाग्य के भरोसे जी रहे हैं। स्कूल में भी मास्टर साहब हफ्ते में दो से तीन दिन ही आ पाते हैं। ऐसे में सवाल तो ये कि आखिर कब सुधरेंगे यहां के हालात। जिम्मेदार अधिकारी करते हैं बड़ी-बड़ी बात।
ग्रामीणों का आरोप-जो भी एक बार यहां से चुनाव जीतकर जाते हैं दोबारा मुंह तक दिखाने नहीं आते
कोरिया।
सोनहत में लोगों की भावनाओं को आहत करती सड़क-
जिले के सोनहत विकासखंड और कोरिया जिले के सबसे बीहड़ ग्राम दसेर में सरकारी योजनाओं ने दम तोड़ दिया है। ग्रामीण सड़क बिजली पानी के अलावा शिक्षा स्वास्थ्य सुविधाओं के मुहताज होकर अपनी नियति को कोसने लगे हैं। बारिश में यहां चार पहिया वाहनों का प्रवेश पूरी तरीके से बंद है । वहीं दोपहिया वाहन से आवागमन करने पर भी एक से दो बार गिरना तय ही है क्योंकि यहां पर कई स्थानों पर बाईक को भी साथ लेकर पैदल चलना पड़ता है और कुछ स्थानों पर तो एक बाईक को रेंगाने में दो लागों की सहायता भी लेनी पड़ती है। कई स्थानों पर गड्ढों में बाईक को हाथों से उठा कर पार कराना पड़ रहा है। वहीं इस सड़क में ध्यान देने वाली बात यह है की यह कोई आम सड़़क नहीं बल्कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत स्वीकृत सड़क है, जिस पर कई वर्षो से कार्य चल रहा है और घाट की कटिंग भी हुई थी लेकिन इस बरसात में फिर से सड़क की मिट्टी बह गई और सड़क जानलेवा हो गई है। इस सड़क पर ग्रामीण प्रतिदिन कैसे अवागमन करते होंगे यह चिंतन का विषय है। ग्रामीणों से संपर्क करने पर ग्रामीणों ने बताया की लंबे अरसे से यही स्थिति है बहुत तकलीफ हो रही है लेकिन शासन प्रशासन ध्यान नही दे रहा है।
दसेर के लोग पीते हैं नालों का गंदा पानी -
सड़क के अलावा दसेर ग्राम में मूल भूत सुविधाओं का भी पूरी तरीके से आभाव है स्वास्थ्य संविधाओं का सर्वथा आभाव बना रहता है ग्रामीण नदी नालों के गंदे पानी पीने को मजबूर हैं। शिक्षा व्यवस्था के आधे अधूरे संचालन से भी पढाई व्यवस्था भगवान भरोसे ही संचालित है।
अन्य ग्रामों में भी हालात बदतर-
कछुवाखाह के ग्रामीण चंद्र देव इंद्र देव गंभीर सिह महिपाल अर्जुन सिंह रामप्रताप ने बताया की यहां बरसात के सड़क के हालात और खराब हो चुके हंै। अब तो दो पहिया वाहनों में भी सफर करना खतरनाक हो गया है। शिक्षक कभी -कभार ही आते हैं और स्वास्थ्य विभाग से सिर्फ चिरायू टीम ही बीच -बीच में आया करती है जिससे भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहां पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का लगातार दौरा नहीं होने से दिक्क्त होती है। इलाज के लिए मध्यप्रदेश पर ही आश्रित होना पड़ता है।
जनप्रतिनिधि भी उदासीन-
ग्राम दसेर कछुवाखोह आनंदपुर गोयनी बंधउरा आदी सभी भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र अंर्तगत आते हैं। जहां से चंपादेवी पावले विधायक एवं संसदीय सचिव भी हैं इसके पूर्व फूल चंद सिंह भी भाजपा से भरतपुर सोनहत से विधायक थे, लेकिन अभी तक इस क्षेत्र के विकास के लिए कोई भी उल्लेखनीय कार्य नही होने से ग्रामीणों में मायूसी है । ग्रामीणों का कहना है कि चेहरे तो बदले लेकिन क्षेत्र की तस्वीर आज तक नहीं बदली । ग्रामीणों में अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधि बीडीसी से लेकर विधायक तक नाराजगी का आलम है। ग्रामीणों ने बताया की नेता सिर्फ चुनाव के समय सकिय होते हैं इसके बाद वो सब कुछ भूल जाते हैं। जिससे क्षेत्र की स्थिति जस की तस बनी हुई है।
चंपा देवी पावले विधायक एवं संसदीय सचिव छ.ग. शासन
वर्जन-
सड़क के अत्यंत खराब होने की जानकारी मिली है इसके लिए कलेक्टर कोरिया कोरिया से बात की जावेगी एवं तत्काल सुधार हेतू प्रयास किया जाएगा।
चंपा देवी पावले
विधायक एवं संसदीय सचिव
भरतपुर सोनहत विधायक एवं संसदीय सचिव महज गिनती के कुछ ग्रामों को ध्यान देती है इस कारण वनांचल क्षेत्रों में स्थिती जस की तस है । विधायक महोदया के द्वारा विधायक मद की राशी भी जहां जरूरत है वहां पर नही दिया जाता जिससे कई क्षेत्र पिछड़ते जा रहे है। अगर इन क्षेत्रों में सरकार ने थोड़ा भी काम किया होता तो आज हालात इतने बदतर नही होते ।
गुलाब कमरो
उपाध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी
बरसात के बाद से सड़क अत्यंत खराब है जिसके लिए पी एम जी एस वाई विभाग को पत्र लिख कर अवगत कराया जाएगा।
के. एस. ध्रुव सीईओ सोनहत
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