स्वदेशी ओबामा

कटाक्ष-

निखट्टू-
स्वदेशी की अल$ख जगाने वाले एक बाबा हैं जो आजकल तमाम तरह के प्रोडक्ट बाजार में ठेले पड़े हैं। ऊपर से उनके एक चेले हैं जो जंगली जड़ी बूटियों के काल बनते जा रहे हैं। कहा जाता है कि संतों को सम्पत्ति का मोह नहीं होता। तो भइया आप इस चक्कर में मत रहना कि इनको संपत्ति का मोह नहीं है। पहले संत मायामोह से दूर रहा करते थे। ये बाबा तो मायामोह का भरपूर दोहन कर रहे हैं। स्वदेशी बनाने के चक्कर में इन्होंने चीन की चाओमीन को स्वदेशी बना दिया। विदेशी पेस्ट को तो कब से स्वदेशी बनाकर बेंच रहे हैं। बेटियों को अभिशाप बनाने वाले देश में बेटा पैदा करने वाली दवाई तक  बेंच चुके हैं। गायों की रक्षा का उपदेश देने वाले बाबा से किसी ने पूछा तक नहीं कि बाबा ये श्रृंग भस्म आखिर बनता किस चीज से है? ये जानवरों की सींग से बनता है। ऐसे में गायों की रक्षा की बात कितनी सच्ची हो सकती है?अब सुनने में आया है कि बाबा स्वदेशी जींस बाजार में उतारने जा रहे हैं। इससे पहले उन्होंने तमाम उत्पादों की मार्केटिंग करते वक्त उसका खुद पर इस्तेमाल किया है। तो अब सवाल तो यही है कि क्या बाबा निकट भविष्य में जब स्वदेशी जींस को बाजार में उतारेंगे तो क्या उसे भी पहनेंगे? वैसे भी विदेशी को स्वदेशी बनाने में बाबा का कोई जोड़ा नहीं है। हमें तो अब ये डर लगने लगा है कि कहीं किसी दिन ये बाबा शी जिंगपिंग और बराक ओबामा का भी कोई स्वदेशी संस्करण न निकाल दें। हमारे देश के व्यापारियों का तो बाबा से यही निवेदन है कि  हे..बाबा अब कुछ तो छोड़ दीजिए देश के दूसरे व्यापारियों के लिए। वैसे भी आपके चेले हजारों करोड़ में खेल रहे हैं। आप भी विदेशों के मंचों पर आसन और भाषण के जरिए कर रहे हंै जमकर कमाई। क्या कहा आपकी समझ में हमारी बात नहीं आई ? अरे मेरे भाई जहां भी बाबा अपने योग का शिविर लगाते हैं वहां के टिकट महंगे दामों में बेचे जाते है और पैसा बाबा की अटैची में सीधे -सीधे जाता है। तो समझ गए न सर.....अब हम भी निकल लेते हैं अपने घर तो कल फिर आपसे मुलाकात होगी....तब तक के लिए जय....जय।

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