14 नक्सलियों के साथ उनके डॉक्टर ने किया सरेंडर



 सुरक्षाबलों की बढ़ती पकड़ से अब नक्सलियों की अकड़ ढीली होने लगी है। यही कारण है कि शुक्रवार को 14 नक्सलियों और उनके एक डॉक्टर ने पुलिस के समक्ष सरेंडर किया है। इस माओवादी डॉक्टर की शिनाख्त जगत के नाम पर हुई। जगत ने बताया कि वो वर्ष 2010 से ही माओवादियों का इलाज कर रहा था। वो खुद को नौंवी पास बताता है। उसने ये भी बताया कि नक्सलियों ने उसको महाराष्ट्र में चिकित्सा करने का प्रशिक्षण दिलाया है।

 जगदलपुर । 
नौंवी पास था नक्सलियों का डॉक्टर-
डॉक्टर माओवादी जगत बुखार और सर्दी खासी सहित मलेरिया जैसी बीमारी का इलाज किया करता था।  उसने बताया है कि वह माओवादियों के अलावा जब तब गांव में होने वाली बैठकों के दौरान आम ग्रामीणों का भी इलाज किया करता था।
नौवीं पास डॉक्टर माओवादी जगत ने महाराष्ट्र से इसकी ट्रेनिंग ली थी और ये ट्रेनिंग माओवादियों के द्धवारा ही जगत को दिलवायी गई थी।  सर्दी खांसी और मलेरिया जैसी बीमारियों में किन दवाओं का उपयोग किया जाता है।  ये बात माओवादी डॉक्टर बखूबी जानता है।
मलेरिया किट के बिना करता था इलाज-
उसका दावा है कि उसके किए हुए इलाज से बीमारी माओवादी पूरी तरह से ठीक हो जाते थे।  सबसे खास बात ये है कि मलेरिया जैसी बीमारी का पता लगाने के लिए उसके पास मलेरिया किट भी होती थी, जिसके जरिए वह पता कर लेता था कि मलेरिया है या नहीं।
नक्सली कमांडर लाकर देते थे दवाएं-
उसके सामने कभी ऐसी नौबत नहीं आई कि किसी बीमार को कही शिप्ट करना पड़ा हो।   जगत ने बताया कि इलाज के लिए उपयोग की जानें वाली दवाएं उसे नक्सल कमांडर लाकर देते थे।  मीडिया के जरिए समर्पण की लगातार मिल खबरों के चलते वह आम चैन की जिदंगी बिताना चाहता था, इसलिए उसने आज नक्सल संगठन को टाटा बाय बाय कह दिया। 

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