सोने का कटोरा








कल मां भारती का बब्बर शेर छत्तीसगढ़ महतारी की वंदना करने आ रहा है। यहां उनका स्वागत छत्तीसगढ़ महतारी का बाघ करेगा। ये दोनों फिर एक साथ मिलकर देश के किसानों सौर सुजला की सौगात देंगे। उसके बाद जाएंगे देखने जंगल सफारी। मां भारती का बब्बर शेर तो कल ही हिमाचल प्रदेश की सीमा से लौटा है। इसकी दहाड़ से चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के हाड़ कांप जाते हैं। अभी कुछ दिनों पहले एक पंजा पाकिस्तान को मारा था। जो नवाज़ पर गाज बनकर गिरा तो राहिल को बाहर की राह पकडऩी पड़ी। आतंक के आ$का को फांका मारने की नौबत आ गई है। चीन ने थोड़ी सी हमदर्दी दिखाई तो उसे भी उसकी औ$कात याद दिला दिया। अब शी जिंगपिंग माओ की मूर्ति का पैर पकड़कर सी-सी कर रहे हैं।   हम सवा अरब भारतीयों को अपने इन शेर और बाघ दोनों पर गर्व है।
छत्तीसगढ़ महतारी का दुलरुआ बघवा भी कम नहीं है। नक्सलियों की नाक में ऐसी नकेल कसी कि उनको अब खोजने से भी रास्ता नहीं मिल रहा है। पहले आदिवासियों को रहा करता था जिनसे डर अब वही माओवादी कर रहे हैं थोक में सरेंडर। विकास की रोज लिखी जा रही है प्रदेश में नई गाथा। सड़कों और रेलमार्गों का बिछाया जा रहा है जाल। जो आगे बनाएगा इस प्रदेश को और भी खुशहाल। महज सोलह सालों का विकास कई दूसरे प्रदेशों के विकास पर भारी है। अभी और भी बहुत कुछ किए जाने की तैयारी है।
सोलह साल में एक बच्चा जवान हो जाता है। छत्तीसगढ़ राज्य भी अभी जवान दिखाई देने लगा है। शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योगों का गढ़ बन चुका है। देश ही नहीं पूरी दुनिया से लोग यहां इलाज के लिए आ रहे हैं। तमाम ऐतिहासिक स्थलों को अपने अंतस में समेटे धान का कटोरा सोने का कटोरा बनने की ओर अग्रसर है। यहां ये बात भी ध्यान रखने वाली है कि धान के कटोरे को धन का कटोरा बनाने में वक्त तो लगता ही है। पर यदि इसी रफ्तार से प्रदेश आगे बढ़ता रहा तो नि:संदेह एक दिन ये धन का कटोरा सोने का कटोरा जरूर बनेगा।

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