आखिर कब मिलेगा इस जवान को बहादुरी का ईनाम


   अम्बिकापुर।  कहावत है कि अगर पसीना सूखने के पहले ही मजदूरी मिल जाए तो वो सबसे ज्यादा सुख देती है, मगर यहां तो उल्टी गंगा बह रही है। जो राज्य के सुरक्षाबलों के कागजों में हो रही गलतियों की कहानी कह रही है। यहां बलरामपुर में जिस जांबाज जवान ने अपनी जान पर खेलकर नक्सलियों के मंसूबों पर पानी फेरा, उसको आज तक उसकी बहादुरी का ईनाम तक नहीं मिला। तो वहीं उसके साथ रहे लोगों को पदोन्नति और क्रमोन्नति का लाभ मिल चुका है। ऐसे में सवाल तो यही है कि हमारे जवानों के साथ बार-बार ऐसा भेदभाव क्यों?
क्या है पूरा मामला-
मामला बलरामपुर जिले का है जहां 10 वीं वाहिनी के आरक्षक क्रमांक 666 का है जो की ईनाम के बदले आज भी सजा भोग रहा है उक्त आरक्षक को न्याय दिलाने की मांग को लेकर सामाजिक एवं आर टी आई कार्यकर्ता ए. एन. पाण्डेय ने इस संबंध में कमांडेंट छग. शासन सुरक्षा बल 10 वीं वाहिनी सिलफिली को ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन में उन्होंने कहा है की 29, 30 अगस्त 2005 को बलरामपुर के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र थाना चांदो के ग्राम इन्दरी कला पतराटोली में नक्सलियों के द्वारा जन अदालत लगाकर एक व्यक्ति की ह्त्या की योजना को विफल किये जाने के लिए पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड हुई जिसमें एक नक्सली भी मारा गया। उपरोक्त मुठभेड़ में साहस और पराक्रम दिखाकर जान की बाजी लगाने वाले 9 पुलिस कर्मियों को क्रम व पूर्व पदोन्नति एवं 2-2 हजार रुपए नगद राशि बतौर ईनाम दी गई लेकिन 10वीं वाहिनी के एक आरक्षक क्रमांक 666 जो की उस मुठभेड में शामिल था उसे आज तक न तो कोई पदोन्नति दी गई और न ही कोई ईनाम दिया गया जबकि आरक्षक क्रमांक 666 के द्वारा अपने एलएमजी गन से 30 राउंड फायर किया गया था। श्री पाण्डेय ने सौंपे गए ज्ञापन में यह भी बताया है की पुलिस थाने में रोजनामचा, सान्हा एवं रवानगी में पुलिस बलों का नाम एवं उन्हें दी गई हथियारों में आरक्षक क्रमांक 666 को एलएमजी देने का उल्लेख है तथा मजिस्ट्रेरियल कथन में भी आरक्षक  शेष पृष्ठ 5 पर...
क्रमांक 666 के द्वारा एलएमजी से 30 राउंड फायर करना बताया गया है, लेकिन इस सब के विपरीत रिकार्ड में आरक्षक क्रमांक 666 के पास एलएमजी की बजाय एसएलआर होना दर्शाकर घोर त्रुटि की गई है। ज्ञापन में यह भी बताया गया है की घटना में शामिल जवानों की पदोन्नति के सिफारिशी प्रतिवेदन में आरक्षक क्रमांक 144 महावीर प्रसाद को एस एल आर के साथ 2 इंच मोटरार एवं पैरा बम होना उल्लेखित जो की व्यावहारिक एवं वैधानिक दृष्टि से अविश्वसनीय एवं त्रुटि पूर्ण है। उन्होंने मांग की है मामले की निष्पक्ष जांच करते हुए आरक्षक को न्याय दिया जाए।

कमांडेंट 10 वी वाहिनी सिलफिली-
इस मामले में 10 वी वाहिनी के कमांडेंट श्री अचला ने कहा की यह घटना बलरामपुर जिले की है इसलिए इस पूरे मामले में बलरामपुर पुलिस ही बेहतर जानकारी दे सकती है। क्रमांक 666 के द्वारा एलएमजी से 30 राउंड फायर करना बताया गया है, लेकिन इस सब के विपरीत रिकार्ड में आरक्षक क्रमांक 666 के पास एलएमजी की बजाय एसएलआर होना दर्शाकर घोर त्रुटि की गई है। ज्ञापन में यह भी बताया गया है की घटना में शामिल जवानों की पदोन्नति के सिफारिशी प्रतिवेदन में आरक्षक क्रमांक 144 महावीर प्रसाद को एस एल आर के साथ 2 इंच मोटरार एवं पैरा बम होना उल्लेखित जो की व्यावहारिक एवं वैधानिक दृष्टि से अविश्वसनीय एवं त्रुटि पूर्ण है। उन्होंने मांग की है मामले की निष्पक्ष जांच करते हुए आरक्षक को न्याय दिया जाए।
कमांडेंट 10 वी वाहिनी सिलफिली-
इस मामले में 10 वी वाहिनी के कमांडेंट श्री अचला ने कहा की यह घटना बलरामपुर जिले की है इसलिए इस पूरे मामले में बलरामपुर पुलिस ही बेहतर जानकारी दे सकती है।

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