मैनपाट में अवैध डीजल-पेट्रोल आपूर्ति का झोल



मैनपाट के सपनादर में बाक्साइट की खदानों में लगे वाहनों में टैंकर वाले नियम कायदे को ठेंगा दिखाकर डीजल और पेट्रोल की आपूर्ति कर रहे हैं। इसका खुलासा उस वक्त हुआ जब एक टैंकर को खाद्य विभाग के अफसरों ने पकड़कर मैनपाट थाने के हवाल कर दिया। तो अब वहीं भारत पेट्रोलियम कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक का दिल धक-धक कर रहा है। वो मामले से बचने के लिए बयान का सहारा ले रहे हैं। ऐसे में सवाल तो यही है कि अगर सभी निर्दोष हैं तो फिर वो टैंकर कैसे पकड़ में आया? कुछ तो बात रही होगी, वर्ना ऐसे कोई अधिकारी किसी पर कार्रवाई नहीं करता?


टैंकर चालकों के ठेंगे पर कायदे-कानून,
अम्बिकापुर।
क्या है पूरा मामला-
सरगुजा जिले के मैनपाट क्षेत्र में अवैध रूप से नियमों को ताक में रखकर पेट्रोल-डीजल परिवहन करने का मामला सामने आया है। अधिकारियों  ने मामले में संज्ञान लेते हुये ऐसे ही एक टैंकर को शासन द्वारा निर्धारित मानकों को पकड़कर जांच हेतु मैनपाट थाना में सुपुर्द करा दिया  है। इस संबंध में जिला खाद्य अधिकारी एसबी अग्रवाल के अनुसार कार्यवाही के लिये फूड इंस्पेक्टर को प्रकरण के जांच हेतु आज सोमवार को भेजा गया है। प्रक्रिया के तहत रिपोर्ट नहीं आई है। इसलिये उन्होंने इस संबंध में कुछ भी कहने को जल्दी बताया। एसडीएम श्री पांडेय ने इस संबंध में बताया कि तहसीलदार ने प्रथम दृष्टया छानबीन में कुछ बिन्दुओं की जांच हेतु टैंकर को थाने में सुपुर्द कराया है। विभागीय जांच के बाद रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी, वहीं बीपीसीएल के सेल्स ऑफिसर चंद्र मोहली ने बताया कि परिवहन का जिम्मा कंपनी का नहीं होता है, इसलिये कंपनी की गाड़ी नहीं होगी। हालांकि अभी तक मुझे कोई जानकारी नहीं मिली है। इसलिये मैं कुछ नहीं कह पाऊंगा।
कहां खपाया जा रहा अवैध डीजल-पेट्रोल-
जानकारी के अनुसार मैनपाट के सपनादर में बाक्साइड उत्खनन प्रारंभ हो जाने से डेको कं. द्वारा उत्खनन कार्य किया जा रहा है, जहां  बाक्साइड परिवहन के लिये काफी संख्या में वाहन लगे हुये हैं। इन वाहनों में पेट्रोलियम पदार्थ सप्लाई करने के लिये शासन द्वारा निर्धारित नियमों को दरकिनार करते हुये एक टैंकरों से फ्लोमीटरयुक्त चलित वाहन लगाकर डीजल-पेट्रोल सप्लाई किये जाने का आरोप है, जहां टैंकर से तेल ले जाकर फुटकर वाहनों में अवैध रूप से भरा जाता है। यह वाहन  किसका है और किस हेतु उपयोग के लिये लाया गया है जो कि जांच का विषय है, लेकिन प्रशासन को इसकी भनक लगते ही उक्त टैंकर को जांच हेतु थाने में खड़ा करा दिया गया है। टैंकर में पेट्रोल की जगह डीजल भरा हुआ पाया गया है जो भी जांच का विषय है। इस संबंध में जिला प्रशासन द्वारा खाद्य अधिकारी के माध्यम से जांच शुरू की गई है।
क्या कहता है नियम-
आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत निर्मित म.प्र. मोटर स्प्रिट तथा हाईस्पीड डीजल आयल आदेश 1980 के तहत पेट्रोल और डीजल का विक्रय बिना लाईसेंस के नहीं किया जा सकता। साथ ही यह भी प्रावधान है कि लाइसेंसधारी डीलर द्वारा उपभोक्ताओं को अपने कारोबार स्थल से ही विक्रय किया जाना है। अनुज्ञप्ति धारी के अलावा अन्य कोई व्यक्ति किसी भी उपभोक्ता को पेट्रोल डीजल का विक्रय नहीं कर सकता। उपभोक्ता भी लाईसेंसधारी से भिन्न व्यक्ति से डीजल और पेट्रोल नहीं खरीद सकता। पेट्रोल एक्त 1934 और पेट्रोलियम नियम 2002 के अंतर्गत कोई भी उपभोक्ता स्वयं के उपयोग के लिये पेट्रोलियम क्लास बी अर्थात डीजल को एक स्थान पर 2500 लीटर या उससे अधिक और एक आधान में एक हजार लीटर से अधिक का भंडारण और परिवहन नहीं कर सकता। निर्धारित मात्रा से अधिक पेट्रोल, डीजल का भंडारण परिवहन एवं विक्रय इन प्रावधानों का उल्लंघन होकर अपराधिक कृत्य का घोतक है। इन उत्पादों का नियम विरुद्ध वाहनों में फ्लोमीटर लगाकर भंडारण परिवहन विक्रय करना जन मान्य की सुरक्षा की दृष्टि से भी जोखिम भरा है। जांच के दौरान किसी भी व्यक्ति के द्वारा किन्ही भी प्रावधान का उल्लंघन किये जाने पर कठोर कार्यवाही का भी प्रावधान है।
 वर्जन-
हमारी कंपनी के 4 हजार टैंकर डीलरों के माध्मय से क्षेत्र मे संचालित किए जा रहे है। इसलिए कुछ बता पाना मुश्किल है, अगर मामले मे पुलिस की ओर से कुछ शिकायत आती है , तब मामले को देखेंगे।
चंद्रमोहली ,
एरिया सेल्स मैनेजर ,
भारत पेट्रोलियम
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