इंदु के जज्बे को सलाम
रेत की गर्द में गौहर का मिलना जैसे किसी को आह्लादित कर देता है। उसी तरह बस्तर जैसे नक्सलवाद प्रभावित इलाके में अगर कोई बिटिया आगे बढ़कर सरकार को कोई बड़ा आइडिया देती है तो वहां के लोग भी खुशी से झूमने लगते हैं। अगले महीने नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में बस्तर की बिटिया इंदु को महामहिम सम्मानित करेंगे। इस बेटी ने सेप्टिक टैंक की बदबू हटाने का न सिर्फ नायाब फार्मूला दिया, बल्कि उसका प्रेशर भी मापने का आइडिया दिया। इसी बात के लिए इस बस्तर की बेटी को सम्मानित किया जाएगा। अपने आम में छत्तीसगढ़ की 2.55 करोड़ जनता के लिए ये क्षण गौरवान्वित होने का है। हमारी बिटिया को देश के प्रथम नागरिक सम्मानित करेंगे। छत्तीसगढ़ में एक से बढ़कर एक विभूतियां हैं। तो यहां की बेटियां भी किसी से पीछे नहीं हैं। कम उम्र में सिर से पिता के साए को खो चुकी इंदू के इस जज्बे को हमारा सलाम। हमें अपनी बेटियों पर गर्व है।
छत्तीसगढ़ सरकार की बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की आइकॉॅन बन सकती है ये बिटिया। सरकार को चाहिए कि वो बिना देरी किए इंदु को अपने बेटी बचाओ अभियान का आइकॉन घोषित करे। इससे शासन की तो शान बढ़ेगी ही छत्तीसगढ़वासी भी खुद पर गर्व महसूस कर सकेंगे। इससे प्रेरणा लेकर बाकी की बेटियां भी ऐसे तमाम सारे सुझाव और तकनीक दे सकेंगी। ऐसे में कोशिश तो यही होनी चाहिए कि हम अपनी बेटियों को इंदु की कहानी जरूर सुनाएं ताकि उससे पे्ररणा लेकर वे अच्छे-अच्छे कार्य कर सकें।
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