बातें नहीं सिर्फ कार्रवाई





राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं निरंतर मॉनिटरिंग न होने के कारण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती जा रही हैं। सरकार अपने अकर्मण्य अधिकारियों के फर्जी आंकड़े पढ़ती जा रही है। उसी के आधार पर नए-नए बहाने गढ़ती जा रही है। सच्चाई तो ये है कि राज्य में गरीब आदिवासियों के बच्चों को नहीं मिल रहा है गुणवत्तायुक्त खाना। पूछने पर अधिकारी कर्मचारी बनाते हैं बहाना। रायगढ़ जिले में खाने के 56 में से 33 सैम्पल पाए गए फेल। इससे समझ में आता है कि राज्य में गुणवत्ताहीनता का चलाया जा रहा है कितना बड़ा खेल। न सड़कों की गुणवत्ता ठीक, न ही बनाए जा रहे शौचालयों की। तो वहीं बच्चों को दिए जाने वाले भोजन यानि रेडी टू ईट को देखकर तो कोई भी अपना सिर पीट लेगा। सीधे-सीधे कहेगा कि साहब ऐसा खाना किसी को भी मत खिलाना। सवाल तो ये है कि आखिर लोगों का पेट कितना बढ़ता जा रह है? कोई गरीबों के बच्चों के खाने में डंडी मार रहा है। तो कोई शौचालयों का सीमेंट और सरिया डकार रहा है। कोई सड़कों की गिट्टी और डामर बेंच कर - कर रहा है कमाई। ऐसे में गुणवत्ता की बात सीधे-सीधे बेमानी लगती है। जिम्मेदार अधिकारी नियम कायदे को फाइलों में दबाकर आराम से लोगों को लूट की खुली छूट दे रहे हैं। इसी पर ठेकेदार ठगों की तरह टूट पड़ रहे हैं। इसका कितना बड़ा खामियाजा देश और उसकी जनता को उठाना पड़ रहा है। इससे ऐसे लोगों का कोई लेना-देना नहीं है। किसी महिला समूह के खाना बनाने वाली महिला ने कभी ये सोचा कि जो खाना वो स्कूल के तमाम बच्चों को खिला रही है। अगर वही उसका बेटा खा लेगा तो क्या होगा? कभी पुल बनाने वाले ठेकेदार ने ये सोचा कि वो जिस पुल का निर्माण कर रहा है अगर उसपर उसकी पत्नी कार से जा रही हो और वो टूट गया तो क्या होगा? आमतौर पर लोगों के मन में ये धारणा बन चुकी है कि इससे हमारा क्या होने वाला? जो होगा किसी और का होगा। ध्यान इस बात का रखना चाहिए कि नुकसान देश का हो रहा है। ऐसे लोगों पर तो कम से कम देशद्रोह का मामला चलाया जाना चाहिए। देशद्रोह का दायरा बढ़ाया जाए जो लोग देश की सम्पत्ति के साथ खिलवाड़ करते हैं उसको किसी भी रूप में नुकसान पहुंचाते हैं इन पर देशद्रोह का मुकदमा सक्षम न्यायालयों में चलाया जाए। इसके बाद ही इस देश से भ्रष्टाचार का भूत भागेगा।  बातें नहीं अब सीधे -सीधे कार्रवाई की बात की जानी चाहिए।

Comments

Popular posts from this blog

पुनर्मूषको भव

कलियुगी कपूत का असली रंग

बातन हाथी पाइए बातन हाथी पांव