अदानी की खदान का पानी, बना गरीबों की परेशानी-
-जिले में अदानी की कोयला खदान का काला पानी ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। तो वहीं खदान प्रबंधन इसमें अपनी भूमिका होने से साफ-साफ इंकार कर रहा है। अलबत्ता कुछ लोगों को लगाकर उस पानी को पीट-पीट कर मटमैला बनाया जा रहा। ताकि पर्यावरण विभाग के अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकी जा सके। ये पानी नदी में मिलने से पूरी नदी का पानी काला हो गया है। जिसको न तो जानवर पी सकते हैं और न ही उसका उपयोग कोई निस्तारी के लिए कर सकता है। तो वहीं जिम्मेदार अब जाकर कार्रवाई का आश्वासन दे रहे हैं। सवाल तो यही है कि आखिर क्यों सो रही है सरकार और उसका पर्यावरण संरक्षण विभाग? क्या इनको किसी बड़े हादसे का इंतजार है?
पानी पीट- पीट कर काले पानी को मटमैला करने का प्रयास जारी
अम्बिकापुर।
पानी पीट कर पैसा कामाना वर्षो पुरानी इस कहावत को सरगुजा में अदानी प्रबंधन में चरितार्थ कर दिया है। जिले में कोल उत्खनन के काम में लगी अदानी इंडस्ट्रीज के द्वारा पर्यावरण प्रदूषण करने का एक बड़ा मामला सामने आया है। जिसमें परसा केते बासेन कोल खदान में उत्खनन करने वाली अदानी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की लापरवाही आस पास के दर्जनों गाँव वालों के लिए जानलेवा साबित हो रही है।
क्या है पूरा मामला-
दरअसल 2011 से इस क्षेत्र में कोयला उत्खनन करने वाली इस कंपनी के द्वारा लगातार पेड़ पौधों एवं जल श्रोतों को प्रदूषित करने का नापाक काम किया जा रहा है। इस दौरान प्रबंधन ने कोयले का काला पानी सीधे खदान के बगल से गुजरने वाले साल्ही नाले में छोड़ दिया है और ये गंदा पानी नाले के जरिये क्षेत्र की जीवन दायनी नदी में मिल रहा है। इससे इस नदी में बहने वाला स्वच्छ जल अब पूरी तरह प्रदूषित हो चुका है। गौरतलब है की आस पास के ग्रामीण इसी नदी के पानी से अपना निस्तार करते है। आलम ये है की एक और जहां साल्ही नाले और नदी का पानी पूरी तरह काला हो चुका है तो वही अपने काले कारनामे को सफ़ेद करने के लिए आदानी प्रबंधन ने एक नायाब तरीका ढूंढ लिया है प्रबंधन द्वारा मजदूर लगाकर नदी के अन्दर पत्थर घिसवाकर काले रंग को मटमैला करने का प्रयास शुरू कर दिया गया है इस मामले में पानी साफ़ करने वाले ग्रामीणों की ही माने तो ऐसा पहली बार नहीं हुआ है बल्कि कई वर्षो से इसी तरह खदान प्रबंधन द्वारा काला पानी नाले में छोड़ा जा रहा है लेकिन इस बार तो काफी मात्रा में ये पानी छोड़ दिया गया है जो हमारे लिए मुसीबत की तरह है क्योंकि ये पानी हमारे निस्तारी के साथ ही मवेशियों के पीने के काम भी आता है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार-
प्लांट में ब्रेक डाउन होने के कारण अचानक काफी मात्रा में गंदा पानी नाले में मिल गया है। इसे कोई जानबूझ कर नहीं कर रहा है फिर भी ड्यूटी पर तैनात सब इन्जीनियर को शो-कॉज नोटिस जारी कर दिया गया है।
ए. के. राय अधिकारी अडानी
रीजनल आफीसर ही इस सम्बन्ध में कुछ बता सकते हैं वो मीडिया को कुछ भी बताने में सक्षम नहीं है।
हरीश तिवारी असिस्टेंट रीजनल आफ़ीसर,पर्यावरण विभाग
इस मामले की जांच करा कर कार्रवाई की जाएगी।
भीम सिंह
कलेक्टर
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