बलरामपुर में दिखी वर्दी की बेदर्दी-



वन विभाग के अधिकारियों ने की बच्चे की पिटाई-


रविवार की रात अपने मामा की मोटरसाइकिल पर उसके घर जा रहे नाबालिग बच्चे को वन विभाग के अधिकारियों ने अकारण न सिर्फ जमकर पीटा बल्कि उसको रेंज ऑफिस में रात भर बंद भी रखा। दूसरे दिन उसको सुबह 9 बजे छोड़ा गया। जहां बच्चे को एक बूंद पानी तक नहीं दिया गया।  जब ये लोग मामले की शिकायत करने पुलिस थाने पहुंचे तो वन विभाग के अधिकारी बच्चे और उसके मामा पर सागौन की लकड़ी की चोरी का मामला बनावा दिया। सवाल तो ये है कि जंगल में होने वाली लकड़ी की तस्करी पर आखिर कौन कार्रवाई करता है? वन विभाग या फिर पुलिस विभाग? अगर वन विभाग को ही कार्रवाई करने का अधिकार है तो फिर इन लोगों ने पुलिस को लिखित शिकायत क्यों दी? ये  वर्दी की बेदर्दी आखिर गरीबों और मज़लूमों पर कब तक चलती रहेगी?



बलरामपुर-रामानुजगंज।

क्या है पूरा मामला-
इधर दस वर्षीय मासूम ने बताया की मैं अपने मामा के साथ बुद्धू टोला जा रहा था।  उसी दौरान वन विभाग वालों की गाडी पीछे से आ रही थी, जिसे देख मामा ने मोटरसाइकिल रोक दी।  उसी दौरान वहाँ वन विभाग वालों की गाड़ी रुकी जिसमें से वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा लकड़ी तस्करी का आरोप लगाते हुए, हाथ और डंडे से मारपीट करने लगे और वन कर्मचारियों ने हमें एक कमरे में बंद कर दिया । सुबह जब इसकी भनक जनपद उपाध्यक्ष संजय गुप्ता और अन्य जनप्रतिनिधियों को लगी तो वन विभाग कार्यालय पहुंच कर विरोध जताने लगे।  तब जाकर मासूम को बंद कमरे से बाहर निकाला गया।  इधर रात भर कमरे में बंद मासूम सिसकता हुआ थाने पहुंचा और उसने अपने साथ हुए अमानवीय व्यवहार के लिए कार्यवाही की गुहार पुलिस अधिकारियों से लगाईं तो पास खड़े लोगों की आँखे नम हो गईं।
वन विभाग के अधिकारियों ने किया थाने में शिकायत-
घटना के बाद कार्रवाई की मांग को लेकर संतोष द्वारा रामानुजगंज थाने में आवेदन तो दिया गया लेकिन अपना दामन बचाने के लिए वन विभाग द्वारा भी एक आवेदन थाने में दिया है। वहीं वन विभाग ने आवेदन में साल वृक्ष के 5 फीट की 4 सिल्ली को कथित रूप से ढोना बताया है।

बच्चा कैसे पकड़ सकता है एक साथ दस सिल्लियां-
सवाल तो ये है कि इतनी लकड़ी की सिल्लियों को 10 साल का बच्चा कैसे पकड़ कर वाहन से ले जा सकता है? इसके अलावा खुद वन अधिनियम के तहत कर्यवाही करने वाला वन विभाग अगर थाने में शिकायत कर रहा है तो मामले में वन विभाग की गलतियों का अंदाजा लगाया जा सकता है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार-

बीती रात वन विभाग के डिप्टी रेंजर नवल किशोर श्रीवास्तव, वन पाल अनश्वर प्रसाद राजवाड़े और कृष्ण निषाद पेट्रोलिंग कर रहे थे, और संतोष अपने नाबालिग भांजे के साथ लकड़ी लेकर रामपुर की ओर से रामानुजगंज की ओर मोटरसाइकिल में आ रहा था, जिसे हम लोगों ने पकड़ा है । बच्चे के साथ कोई मारपीट नहीं की गई है।
नवल किशोर श्रीवास्तव डिप्टी रेंजर



आवेदन दोनों तरफ से मिला है जिसमे डिप्टी रेंजर का कहना है की साल की लकड़ी चोरी कर मोटरसाइकिल से भाग रहे थे। पीछा करने पर मोटरसाइकिल से गिर गए तब चोट लगी है। बालक ने भी शिकायत की है की उसके साथ मारपीट की गई है। डॉक्टरी मुलाहिजा के बाद ही आरोपों का परीक्षण हो सकेगा।
आर.एन. टोन्डे..जाँच अधिकारी. थाना रामानुजगंज

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