धनतेरस की खरीददारी


खटर-पटर

निखट्टू-
संतों....... रामायण में एक जगह बाल्मीकि ने लिखा है कि - जननी जन्मभूमिश्च स्वार्गादपि गरीयसी अर्थात मां और मातृभूमि स्वर्ग से बढ़कर हैं।  हमारी धनतेरस हंसी और ठहाकों के साथ खुशी-खुशी बीते इसके लिए हमारे बीएसएफ के जवान सीमा पर पाकिस्तान के सीज़फायर का टायर पंक्चर करने में लगे हैं। मान्यता है कि हर कोई आज कोई न कोई नई चीज खरीदता है। अगर हमारा वश चले तो हम तो देश के प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री तथा गृहमंत्री को यही कहेंगे कि आज तो आप लोग हमारी सेनाओं के लिए रूस की शैतान-2 परमाणु मिसाइल और पांचवीं पीढ़ी का विमान तथा अमेरिका से एफ-35 लड़ाकू विमानों का न सिर्फ सौदा करें बल्कि जितनी जल्दी हो सके आईएनएस विशाल को तैयार करके समुद्र में उतार दें। इसके अलावा हॉल के एफजीएफए का भी उत्पादन तेजी से शुरू करें। मेक इन इंडिया को भी तेजी से आगे बढ़ाना होगा। अपाचे 64 एच और शिनूक की भी डिलेवरी को जल्दी करवाने की कोशिश करें। इसके साथ ही साथ राफेल और ग्रिपेन तथा एफ-16 ब्लॉक 70 के उत्पादन को भी तत्काल हरी झंडी दे देनी चाहिए। इसके साथ ही साथ हमारी कोशिश हो कि हम लोग अपने बीएसएफ के जवानों के परिवारों के साथ ही दीपावली मनाएं। तो वहीं चीनी सामानों का बहिष्कार करें और एक दिया अपनी मिट्टी से बनाकर अपने देश के जवानों के नाम पर जलाएं, ताकि जवानों को लगे कि हम अकेले नहीं बल्कि हमारे साथ पूरा भारतवर्ष खड़ा है। क्यों समझ गए न सर.... तो अब हम भी निकल लेते हैं अपने घर...कल फिर आपसे मुलाकात होगी तब तक के लिए जै.....जै।
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