सौ साल बाद बना है करवाचौथ पर महासंयोग
इस पर्व को अखंड फल कारक बना रहा है ये योग
हल्द्वानी। करवाचौथ का त्योहार इस बार बुधवार (आज) को मनाया जा रहा है। बुधवार को शुभ कार्तिक मास का रोहिणी नक्षत्र है। इस दिन चंद्रमा अपने रोहिणी नक्षत्र और बुध अपनी कन्या राशि में रहेंगे। इसी दिन गणेश चतुर्थी और श्रीकृष्ण की रोहिणी नक्षत्र भी है, जिसका संयोग पूरे 100 साल बाद बना है। यह अद्भुत संयोग करवाचौथ को अखंड फलकारक बना रहा है।
ज्योतिषाचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी के अनुसार बुधवार को गणेश और कृष्ण दोनों का दिन है। करवाचौथ के दिन श्रीगणेश, मां गौरी और चंद्रमा की पूजा होती है। चंद्रमा पूजन से लंबी उम्र के साथ दाम्पत्य सुख का वरदान मिलता है। महिलाओं के सौंदर्य में वृद्धि होती है। डा. जोशी बताते हैं, चंद्रमा चर्म रोग हरकर शीतलता प्रदान करते हैं। चांदी से शरीर के अंदर के रोग दूर होते हैं। इसलिए पूजा में चांदी का पंचपात्र अथवा चांदी की चम्मत प्रयोग करें। पानी के बर्तन में चांदी का सिक्का डालकर भी काम चला सकते हैं। व्रत के दौरान अपने आराध्य देव का मानसिक जाप करें। महिलाओं को दिनभर सोलह शृंगार में सजकर रहना चाहिए। करवे में दूध, गंगाजल, गुलाबजल मिलाकर रखें।
इसलिए विशेष हैं रोहिणी नक्षत्र
27 नक्षत्रों को चंद्रमा की पत्नियां बताया गया है। चंद्रमा को रोहिणी सर्वाधिक प्रिय हैं। कहते हैं एक बार राजा दक्ष के श्राप से चंद्रमा को क्षय रोग हो गया। तब रोहिणी ने शिव की पूजा से अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त किया। इसी वरदान से चंद्रमा अजर-अमर हुए। तभी से हर कार्य, पर्व में रोहिणी नक्षत्र का विशेष महत्व है।
8:40 पर होगा चंद्रोदय
चंद्रोदय के लिए सुहागिनों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। ज्योतिषी डा. नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि हल्द्वानी में 8:40 के लगभग चंद्रमा का उदय होगा। कुछ हिस्सों चंद्र दर्शन में थोड़ा समय लग सकता है। हालांकि मौसम साफ होने से इस बार बादल विघ्न नहीं डालेंगे।
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