जांजगीर की सड़कों ने ली 160 की जान
कहते हैं कि गुणवत्ताहीन सड़कें और बेलगाम होते यातायात की वजह से पिछले 9 महीनों में जांजगीर में होने वाले सड़क हादसों में 160 लोगों की जान जा चुकी है। तो वहीं एक हजार से ज्यादा लोग अपाहिज भी बन चुके हैं। यहां होने वाले हादसों का आंकड़ा पिछले आठ सालों में 13 सौ को पार कर चुका है। ऐसे में सवाल तो यही है कि ये खराब सड़कें आखिर और कितने बेगुनाहों का खून पिएंगी?
सड़क हादसे रोकने में नाकाम साबित हो रहा प्रशासन, हेलमेट के नाम पर वसूली में जुटी पुलिस
जांजगीर ।
क्या कहते हैं आंकड़े-
जांजगीर प्रशासन के मुताबिक साल 2016 के नौ महीनों में 160 लोगों की जान सड़क दुर्घटनाओं में जा चुकी है। घायल होने वालों की तादाद भी एक हजार को पार कर चुकी है। पिछले आठ साल में यह आंंकड़ा 1300 को पार कर चुका है। साल 2009 में 151 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई थी। 2010 में 152 , 2011 में 160, 2012 में 182, 2013 में 178, 2014 में 199 और 2015 में 188 लोग अपनी जान से हाथ धो चुके हैं।
प्रशासन का कहना है सड़क दुर्घटनाएं लोगों की खुद की लापरवाही से ज्यादा हो रही हैं। यदि लोग सुरक्षा के साथ चलें तो यह आंकड़ा घट सकता है।
हेलमेट के नाम पर वसूली में जुटी पुलिस-
एक ओर जहां लोग सड़क हादसों में मारे जा रहे हैं तो वहीं जिले की पुलिस हेलमेट के नाम पर वसूली में लगी हुई है। यहां के पुलिस वाले अब यातायात सुधारने से ज्यादा वसूली पर जोर देते हैं। ऐसे में सवाल तो यही है कि क्या ऐसे ही शहर की यातायात व्यवस्था दुरुस्त हो सकेगी?
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