बस्तर में अमन की बढ़ती उम्मीदें
अबूझमाड़ को बूझने वाले नक्सलियों की हर चाल को नाकाम करने का $फन हमारे सुरक्षा बलों के जवान बखूबी समझते हैं। यही कारण है कि लगातार इनकी आपूर्ति लाइन को काटने में कामयाब होने के बाद सुरक्षा बलों ने यहां के ग्रामीणों को जागरूक करने का फैसला किया। सुरक्षाबलों के इसी अभियान का नतीजा निकला कि सुकमा में ग्रामीण ही नक्सलियों की आईईडी छीनकर लिए-दिए थाने आ धमके। उन्होंने इसको पुलिस के हवाले किया जहां इसको बाद में निष्क्रिय कर दिया गया। तो वहीं 14 नक्सलियों के साथ-साथ उनके तथाकथित डॉक्टर ने भी आज माओवादियों से अपना दामन छुड़ा लिया। ऐसे में अब माओवादियों के सामने इलाज का भी संकट उठ खड़ा होगा। पहले से ही सुरक्षा बलों ने उनकी पूरी सप्लाई लाइन काट रखी है। ऐसे में इसका नुकसान भी इनको उठाना पड़ेगा। पहले बारिश में नक्सली अपने संगठन को बढाने का काम करते थे और जैसे ही बारिश खत्म होती थी ताबड़तोड़ हमले कर अपने धमक कायम करने में लग जाया करते थे। इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ। ऐसा सिर्फ और सिर्फ हमारे जांबाज जवानों और आलाअधिकारियों की मेहनत के कारण हुआ है। हमारे अधिकारियों को अब ये बात पूरी तरह पता है कि नक्सलियों को रास्ते पर लाने के लिए कब कौन सा दांव खेलना है। तो वहीं उनके अत्याधुनिक हथियारों की संहारक क्षमता भी माओवादियों के लिए काल बनकर खड़ी है। विस्फोटक सूंघने वाले मेलानोइस नस्ल के प्रशिक्षित श्वानों और लगातार की जा रही मॉनिटरिंग और आपसी तालमेल के कारण अब बस्तर में शांति की कामना भी लोग करने लगे हैं। ऐसे में अब वो दिन ज्यादा दूर नहीं जब बस्तर से नक्सलवाद का बिस्तर गोल हो जाएगा। तो वहीं आदिवासियों का झुंड फिर इक_ा होकर मांदर की थापों पर थिरकता नजर आएगा।
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