4 महीने में ही बह गई 22 करोड़ की नहर


 बेमेतरा। सरकार फंड डकार कर ठेकेदार किस कदर प्रदेश का बंटाधार करने में लगे हैं। इसकी बानगी बेमेतरा में देखने को मिली। जहां 22 करोड़ की लागत से बनी नहर, 4 महीने भी नहीं सकी ठहर। पहली ही बारिश में वो अपने निर्माण के गुणवत्ता की सारी कहानी कह गई। मध्यम बारिश में ही आराम से बह गई। किसानों की उम्मीदों पर फिर गया पानी, तो कलेक्टर कह रहे हैं जांच करवाने वाली पुरानी कहानी। ऐसे में सवाल तो यही है कि जब गुणवत्ताहीन नहर बन रही थी तब आखिर ये लोग कहां थे? क्यों नहीं उस वक्त ही सीना ठोंक कर रोक दिया?
क्या है पूरा मामला-
सरकारी फंड के गलत इस्तेमाल का ताजा मामला छत्तीसगढ़ में सामने आया है।  बेमेतरा में नहर की सीसी लाइनिंग पहली बारिश में बह गई।  इसे जून 2016 में ठेकेदार ने विभाग को हैण्डओवर किया था।  सरकार ने योजना के तहत करीब 23 किमी नहर की सीसी लाइनिंग व बेस का काम कराया था।  22 करोड़ लागत से निर्मित सकरी मुख्य नहर की सीसी लाइनिंग निर्माण के 4 महीने में खराब हो गई है।  जल भराव में ही ग्राम झाल के पास से निकलने वाली नहर में सीसी लाइनिंग के दो पैनल टूटकर बह गए है।  निर्माण की गुणवत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है।
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
सकरी नहर फेस वन की सीसी लाइनिंग की गुणवत्ता पर शुरू से ही सवाल उठते रहे थे।  ग्रामीणों की कई शिकायतों के बावजूद गुणवत्ताहीन निर्माण को जारी रखा गया।  इसकी वजह से 4 महीने बाद ही जल भराव की स्थिति में ग्राम झाल के पास सीसी लाइनिंग टूट कर बह गई।  मामले को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारी पल्ला झाडऩे में लगे हुए हैं।  मीडिया मे जानकारी आने के बाद कलेक्टर रीता शाडिल्य ने जांच के आदेश दे दिए हैं।

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