जूता-चप्पल पहने भाजपाई डालेंगे जल, चल रे कांवडिय़ा चल




रायपुर। दूसरों को धर्म का पाठ पढ़ाने वाली भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने खुद ही धर्म को अपमानित करने का ठेका ले रखा है। फोटो में छगनलाल मूंदड़ा जूता पहने कांवड़ उठाए हैं तो वहीं उनका साथ दे रही तमाम भाजपा की कद्दावर नेत्रियां भी चप्पल पहले कांवड़ उठाए हैं। सवाल तो यही कि क्या ये जल किसी भी दशा में देवाधिदेव महादेव को अर्पित करने लायक है? तो वहीं सवाल  ये भी उठता है कि धर्म को लेकर राजनीति करने वाली भाजपा के नेता आखिर ये कैसा व्यवहार कर रहे हैं?
विधायक सुंदरानी से भी नहीं ली सीख-
उसी कांवड़ को विधायक श्रीचंद सुंदरानी ने भी उठाया मगर उन्होंने धर्म को ध्यान में रखते हुए अपने जूते दूर कहीं उतार दिए। तो वहीं छगनलाल मूंदड़ा को जूते उतारने का ख्याल तक नहीं आया?
किसने किया था आयोजन-
जिला महिला मोर्चा अध्यक्ष शैलेन्द्री परगनिहा के नेतृत्व में कांवड़ यात्रा का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें भाजपाइयों ने मय चप्पल और जूते पहन कर भगवान को अर्पित किए जाने वाले जल की कांवड़ कंधे पर उठाया।
नंगे पैर जाते हैं लोग-
कांवड़ यात्रा का नियम है कि लोग पैदल नंगे पैर जाते हैं। बिहार के सुल्तानगंज से  देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ की दूरी 105 किलोमीटर पड़ती  है। इतनी दूर की यात्रा लोग नंगे पैर करते हैं। रास्ते में सुइया पहाड़ आता है। जिसके पत्थर सूइयों की तरह पांवों के छालो में चुभते हैं फिर भी लोग उफ तक नहीं करते, मगर छत्तीसगढ़ के भाजपाइयों ने तो भगवान भोलेशंकर की सेवा मय जूता-चप्पल पहने करने का व्रत ले लिया है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार-
मामला मेरे संज्ञान में नहीं है, मैंने फोटो भी नहीं देखी है। लिहाजा कोई कमेंट नहीं कर सकता। आपने जो देखा है आप छापिए पूरी स्वतंत्रता है आपको।
धरमलाल कौशिक
प्रदेश अध्यक्ष भाजपा
मैं इस मामले में क्या  बोल सकता हूं। ये गलत है ऐसा नहीं होना चाहिए।
सुनील सोनी
पूर्व महापौर और भाजपा उपाध्यक्ष
गलती हो गई है माफी मांगूंगा: छगनलाल-
मुझे इसका ध्यान ही नहीं रहा। मुझसे गलती हो गई है, आपने ध्यान दिलाया तब याद आ रहा है। मैं इसके लिए महादेव से माफी मांगूंगा।
छगनलाल मूंदड़ा




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