बदहाल कोमलदेव अस्पताल के डॉक्टरों का हाल



 कांकेर के कोमलदेव अस्पताल की पूरी व्यवस्था ही बदहाल हो चुकी है। यहां 30-30 सालों से डटे डॉक्टर्स को वेतन सरकार देती है। जब कि ये सेवाएं नर्सिंग होम्स में देते हैं। आलम ये है कि जब शहर की जनता मौसमी बीमारियों से त्रस्त होकर इलाज की उम्मीद लेकर इस अस्पताल में जाती है तो उसको देखने वाला कोई डॉक्टर नहीं मिलता। जब कि राजिस्टर बता रहा है कि यहां 18 डॉक्टर्स अपनी सेवाएं दे रहे हैं और बाकायदा उनको सरकार वेतन भी दे रही है। इनमें से कई तो ऐसे हैं जो बरसात में छुट्टी लेकर अपना कारोबार संभालते हैं। यहां न सुविधा न सफाई और बाहर से खरीदो दवाई अभियान पूरी ईमानदारी से चलाया जा रहा है। ऐसे में सवाल तो यही है कि अब तक इनके खिलाफ सरकार ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?
सरकारी वेतन पर पल रहे 18  डॉक्टरों में एक भी काम का नहीं, न सुविधा न सफाई बाहर से खरीदो दवाई


कांकेर ।
सफाई के नाम पर भी पसरी गंदगी-
जिला अस्पताल का दर्जा प्राप्त कोमलदेव अस्पताल बहुत दिनों से बीमार है।   कहने को तो यहां अठारह डॉक्टर यहां पदस्थ हंै जिनमें 8 भी उपस्थित नहीं रहते। शेष प्राइवेट प्रैक्टिस अथवा अन्य प्राइवेट अपने नर्सिंग होम्स में व्यस्त रहते हैं। ये डॉक्टर्स तीस-तीस साल से खंूटा गाडे बैठे  हैं। इनमें कुछ रसूखदार डॉक्टर हैं जो कांग्रेस सरकार के समय उसके चहेते थे। जब भाजपा आई तो  भाजपा सरकार के चहेते बन बैठे इनमें से एक है जो बरसात भर छुटटी लेकर अपना निजी चिकित्सालय चलाते हंै। शेष अपने घर पर प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं।
जो अच्छे थे वे हो गए रिटायर, दूसरे का हुआ तबादला-
अच्छे डॉक्टरों में सुरेन्द्र राय रिटायर हो गए और  आर.सी. ठाकुर का चंापा स्थानांतरण कर दिया गया। डॉ. ठाकुर ने कांकेर अस्पताल की कुछ तो छवि सुधारने का प्रयत्न किया था उनके प्रयासों से ही इस अस्पताल को 27 जिलों में टॉप का स्टेट अवार्ड भी मिला था । उनके अच्छे कामों का सरकार ने यह ईनाम दिया कि उन्हें चंापा भेज दिया और अन्य जो डॉक्टर बर्षो से जमें हैं उनका कहीं भी स्थानांतरण नहीं किया गया। 
40 नर्सो की भर्ती और पहुंची सिर्फ एक-
 40 नर्सों की नियुक्ति भी हुई थी, जिनमें से एक ही बेचारी अब तक आई है।  गंभीर मरीजों को रायपुर या धमतरी तुरन्त रिफर कर दिया जाता है। यहां पर किसी प्रकार का कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहता ।
5 डॉक्टर्स की नियुक्ति का आदेश जारी-
सरकार ने यहां पांच और डॉक्टर्स की पोस्टिंग हुई है, मगर उनमें से किसी ने भी पदभार नहीं संभाला है।
वर्जन-
कोमलदेव अस्पताल को वहां के सिविल सर्जन देखते हैं आप उनसे बात कर लीजिए, वे आपको सारी बातें समझा देंगे।
डॉ. जे.एल. उइके
सीएमओएच
कांकेर
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