गायों का चारा संचालक ने डकारा






 गौसेवा की आड़ में व्यवस्था के नाम पर खिलवाड़ और गौ तस्करी के नाम पर छत्तीसगढ़ शासन मस्खरी करने में लगा है। कांकेर के कर्रामाड़ में 250 गायों की मौत पर देखने की फुर्सत न तो कृषि मंत्री के पास है और न ही उनके जिम्मेदार अफसरों के। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी द्वारा गठित जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में ये चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। जांच दल के सदस्यों ने बताया कि वहां की गौशाला में गायों को भूखा रखकर उनका वध किया जा रहा है और वो पूरा इलाका गायों का श्मशान बन चुका है। इसके पीछे लगभग 50 लाख रुपए से ज्यादा की बंदरबांट हो चुकी है। इन लोगों ने इसकी उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की है।
गौशाला की जमीन में दबाई गायों की लाशें, असल  गुनहगारों को बचाने में जुटा प्रशासन, कृषि एवं पशुपालन मंत्री मीटिंग में व्यस्त

कांकेर। जिले दुर्गूकोंदल के कर्रामाड़ गांव की गौ-शाला में हुई गायों की मौत का मामला तूल पकडऩे लगा है। गायों की मौत के विरोध में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) पार्टी के पांच सदस्यी दल ने कामधेनु गौशाला का निरीक्षण किया। गौशाला का दौरा करने के बाद जांच दल के सदस्यों ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अप्रैल महीने से लेकर अब तक कुल 250 गायों की मौत हो गई है।  मुद्दे को दबाने के लिए गाय के शवों को गौ-शाला परिसर में दफना दिया गया। यहाँ मरने वाली गायों में सिर्फ तीन गायों का पोस्ट मॉर्टम कराया गया। अन्य गाय के शवों को बगैर किसी को सूचना दिए जंगलों में फेंक दिया गया और दफना दिया गया।
पशु चिकित्सक ने की पुष्टि-
250 गायों की भूख से हुई मौत की पुष्टि गौशाला में पशुओं का इलाज करने वाले पपशु चिकित्सक डॉ.ए.के. रॉय ने की। उन्होंने बताया कि अभी भी 80 से ज्यादा गायें बीमार हैं। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए बताया कि यहां मृत गायों को गौशाला पप्रांगण में ही गाड़ दिया गया। आसपास के ग्रामीणों ने डॉक्टर रॉय की इस बात की पुष्टि की। हमारी सरकार की टीम को वहां के ग्रामीणों ने बताया कि पूरी गौशाला गायों का श्मशान बन चुका है।
रात के अंधेरे में गायों का सौदा-
गौशाला प्रबंधन के लोग रात के अंधेरे में गायों की बिक्री भी करते रहे हैं।  ग्रामीणों ने ये अंदेशा भी जताया कि संभव है कि ये गाएं पशु तस्करों को बेंची गई हों। कितनी गाएं बेंची गईं इसका कोई अधिकारिक आंकड़ा तो उनके पास नहीं था मगर गायों की बिक्री की जानकारी इनके पास है। ऐसे में ये भी साबित होता है कि इस गौशाला से गायों की तस्करी भी की गई है।

गायों की घास चर गए संचालक-
जांच दल के सूर्यकांत तिवारी ने बताया कि भाजपा शासनकाल में गौ शालाओं में सरकारी पैसे का दुरुपयोग हो रहा है। गौ-शाला के नाम पर बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और भ्रष्टाचार किया गया । जांच टीम के मुताबिक शासन से 7 अप्रैल 2014 को कामधेनु गौशाला को 7 लाख 48 हजार रुपए, 1 सितंबर 2014 को 7 लाख 85 हजार, 17 दिसंबर को 9 लाख 35 हजार, 4 मार्च 2015 को 2 लाख 62 हजार, 2 सितंबर 2015 को 8 लाख 76 हजार, 9 नंबर 2015 को 8 लाख 71 हजार रुपए जारी किए गए। गौशाला को लगभग 50 लाख रुपए दिया गया है बावजूद इसके भूख के कारण गायों की मौत हो गई है। जोगी पार्टी के सदस्यों ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
कर्मचारी को बनाया जा रहा मोहरा-
उन्होंने आरोप लगाया कि गौशाला का कर्मचारी पीयूष घोष को मोहरा बनाकर सामने किया जा रहा है। संस्था के अध्यक्ष हरिशचंद्र धनेलिया, सचिव योगेश चिराम, महासचिव अनंत मुखर्जी समेत कार्यकारिणी में नौ सदस्य बताएं जा रहे हैं। जांच दल ने संस्था के पदाधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन कोई भी पदाधिकारी सामने नहीं आया।
गायों की बड़ी तादाद में हुई है तस्करी: संजीव-
संजीव अग्रवाल ने कहा कि गाय भाजपा के लिए आस्था से ज्यादा सियासत का केंद्र रहे हैं। कर्रामाड़ की गौशाला में लगातार गायों के मरने पर भी राज्य सरकार ने कोई संज्ञान नहीं लिया। स्थानीय प्रशासन भी गायों की मौत पर खामोश रहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि गौशाला में गायों की तस्करी की जा रही है। गायों को ट्रकों में भरकर कटने के लिए किसी अज्ञात स्थान पर भेजा जा रहा है।
सदस्यों ने बताया कि विस्तृत जांच रिपोर्ट पूर्व मुख्यमंत्री तथा छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो अजीत जोगी को सौंपीं जाएगी।
कहां-कहां छिपाई लाशें-
इतनी बड़ी तादाद में मरी गायों की लाशों को ज्यादातर तो गौशाला में ही दफनाया गया। उसके बाद कुछ लाशों को जंगलों की झडिय़ों में छिपा दिया गया था। कुछ सड़कों के किनारे पड़ी मिली। चारों ओर भयंकर दुर्गंध फैली हुई थी। बारिश में भींगने से लाशों की हालत खराब थी।
ग्रामीणों को महामारी की चिंता-
भयंकर बदबू से परेशान ग्रामीणों को अब महामारी की चिंता सताने लगी है तो वहीं प्रशासन कान में तेल डालकर सोया पड़ा है। ऐसे में अगर उस इलाके में महामारी फैलती है तो जाहिर सी बात है कि बड़ी तादाद में आदिवासियों की जिंदगी को नुकसान होगा।
प्रशासन ने नहीं दी कोई सुरक्षा: सूर्यकांत-
छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी के सदस्य सूर्यकांत तिवारी और संजीव अग्रवाल अपने सहयोगियों के साथ कांकेर के इस धुर नक्सलवाद प्रभावित इलाके में पहुंचे। प्रशासनिक लापरवाही की हद तो तब हो गई जब इनको किसी भी प्रकार की कोई सुरक्षा मुहैय्या नहीं करवाई गई।
कृषि और पशुपालन मंत्री बैठक में-
प्रदेश के कृषि और पशुपालन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल पिछले तीन दिनों से लगातार बैठक में बताए जा रहे हैं। इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद भी उनके इईगिर्द रहने वालों ने इसका आभास तक उनको नहीं होने दिया है। ऐसा नहीं है कि उनको इस मामले की जानकारी न हो मगर वे जानबूझकर अंजान बनने की कोशिश में लगे हुए हैं। ऐसे में सवाल तो यही उठता है कि क्या प्रदेश के कृषि मंत्री की यही उपलब्धि है कि वो सिर्फ बैठकों में ही व्यस्त रहते हैं?

जांच दल के सदस्य-
 संजीव अग्रवाल, सूर्यकांत तिवारी, बलदाऊ मिश्रा, सुनील कुकरेजा, अमर गिडवानी एवं शंकर चक्रवर्ती शामिल थे।
छत्तीसगढ़ गौमेवा आयोग: जोगी
छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग को छत्तीसगढ़ गौमेवा आयोग करार देते हुए छजकां अध्यक्ष  अजीत जोगी ने कहा कि गायों की सेवा करने की जगह उनकी सेवा के नाम पर पैसे खाने का धंधा चल रहा है आयोग में।  

वर्जन-
मैं अभी बृजमोहन को फोन करके देखता हूं कि क्या मामला है, और इस पर कोई प्रभावी कदम क्यों नहीं उठाया गया?
राजधामोहन सिंह
केंद्रीय कृषि एवं पशुपालन मंत्री

भूख से 250 गायों की मौत होना उनकी हत्या करने के समान है। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
इकबाल अहमद रिजवीं
सदस्य
एनीमल बोर्ड ऑफ इंडिया


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