मरघट बना मैनपाट


20 दिनों में 14 लाशें अपनों को कहां-कहां तलाशें
मैनपाट। छत्तीसगढ़ का शिमला कहा जाने वाला मैनपाट इन दिनों लाशों का मरघट जैसा बनता जा रहा है। यहां 20 दिनों में 14 लोगों की मौत खुखड़ी फुटू  और राइस बीयर से हो चुकी है। अधिकांश मरने वालों की उम्र 50 साल के ऊपर बताई जा रही है। तो वहीं स्वास्थ्य विभाग के समझाइश के बाद भी लोग खुखड़ी फुटू  और राइस बीयर छोडऩे को तैयार नहीं हैं। खुखड़ी फुटू जंगलों में पाया जाने वाला एक मशरूम है और चावल से बनने वाली शराब को राइस बीयर कहा जाता है। इसको यहां के लोग बड़े शौक से सेवन करते हैं। तो यही राइस बीयर अब स्वास्थ्य विभाग के टीयर निकालने पर तुली है।
क्या है पूरा मामला
पिछले 20 दिनों में 14 लोगों की असमय मृत्यु का कारण जंगल मे उगने वाले खुखडी फुटू  और चावल से बनने वाली राईस बियर है। ये हम नही बल्कि जिले का स्वास्थ महकमा इस बात खुलकर कह रहा है। दरअसल बरसात के दिनो में जंगल मे उगने वाला खुखड़ी फुटू  केवल ग्रामीण इलाको मे ही नही बल्कि शहरी इलाकों मे भी जमकर खाया जाने वाला जंगली खाद्य प्रदार्थ है। जंगल मे मिलने वाले इस खुखडी फुटू  का जंगली मशरुम कहा जाता है। ऐसे मे जिला के स्वास्थ विभाग में बैठे आला अधिकारी मैनपाट क्षेत्र में हो रही मौत के लिए जंगली खुखड़ी-फुटू  का जिम्मेदार मान रहे हैं। दरअसल मैनपाट के असगंवा के मझवारपारा , नर्मदापुर के खालापारा और पैगा,कुदारीडीह जैसे गांवो मे पिछले 20 दिनों मे 14 लोगो की मौत हो चुकी है। इसमें महिला पुरुष , बच्चे और बुजुर्ग सभी शामिल हैं। जिसको लेकर बीमारियों की जड़ जंगल मे होने वाले जंगली मशरुम को  माना जा रहा है। जबकि इस मामले में प्रशासन औऱ स्वास्थ महकमे की ओर से अलग- अलग बयान भी आ रहे हैं। कुछ का कहना है कि अब तक हुई विभिन्न मौत की वजह अलग- अलग है , जबकि स्वास्थ हमकमे का साफ कहना है कि मौत की वजह खुखड़ी , फुटू  और राइस बियर है।
कलेक्टर ने किया दौरा
मैनपाट मे उल्टी-दस्त से हो रही मौत के बाद सरगुजा कलेक्टर भीम सिंह ने बीते दिनों प्रभावित गांवों का दौरा किया था। 
नर्मदापुर के खालापारा में हुई मृतकों की मौत फूड प्वाईजनिंग से हुई है। हमारे हेल्थ वर्कर खालपारा में मृतक के घर गए थे।  जिनके परिजनों ने बताया कि मृतक रात मे खुखडी खाद्य प्रदार्थ और हंडिया शराब का सेवन किए थे और ये पहले से ही अस्वस्थ थे। क्षेत्र में जो अलग- अलग मौतें हुई हैं । स्वास्थ कार्यकर्ता मैनपाट के घर- घर पंहुच कर लोगों को जागरुक करने का प्रयास कर रहे हैं। ये लोगो को समझाईश दे रहे हैं कि इस मौसम में खुखडी , फुटू और चावल से बनने वाली हंडिय़ा शराब का सेवन न करें लेकिन समझाइश के बाद भी लोगों में जागरूकता नहीं आ रही है।
    - डॉ एन.के.पाण्डेय,
     सीएमएचओ, सरगुजा

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