पुलिस ने खोली चालान की दुकान

  कोई   दूसरा काम नहीं है?
रायपुर। रविवार को में होम्योपैथ डॉक्टर के घर से हथियारों की बरामदगी के बाद पूरे शहर में सनसनी फैल गई। तो वहीं पुलिस पूरे दिन चालानी कार्रवाई में मस्त रही। उसको इन सभी बातों से कोई लेना देना नहीं। तो वहीं शनिवार को भाजपा की तिरंगा रैली में कुछ गिनेचुने लोगों को अगर छोड़ दिया जाए तो बाकी किसी के भी सिर पर हेलमेट नहीं दिखाई पड़ी। उस वक्त ये जांबाज पुलिस  वाले कहां थे?

हमारी सरकार ने उठाया था मुद्दा-
हमारी सरकार ने इस मुद्दे को लगातार प्रमुखता से उठाया। इसमें प्रदेश के जगदलपुर में जहां प्रदेश के शिक्षामंत्री केदार कश्यप और उनके सांसद भाई दिनेश कश्यप बिना हेलमेट के तिरंगा रैली निकाली। तो वहीं राजनांदगांव में सांसद अभिषेक सिंह भी अपने समर्थकों के साथ बिना हेलमेट के निकले। इसके अलावा छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी के प्रदेश अध्यक्ष विनोद तिवारी भी बिना हेलमेट के रैली में निकले। इन सारे मामलों में पुलिस तमाशबीन बनी सिर्फ खड़ी रही ।
छत्तीसगढ़ पुलिस के    जज्बे को सलाम-
छत्तीसगढ़ पुलिस ने अपने जवानों को भी कार्रवाई से नहीं बख्शा। उनकी इस  शेष पृष्ठ 5 पर...
कर्तव्य निष्ठा को पूरा हमारी सरकार परिवार सलाम करता है। तो वहीं उस पुलिस वाले की पीड़ा को भी नहीं समझने की कोशिश की गई जो देर रात रिलीव हुआ था और उसको अलसुबह ही बुला लिया गया। नींद की झझक में वो हेलमेट लेना क्या भूला कालीबाड़ी चौराहे पर उसका भी चालान काट दिया गया (सुरक्षा कारणों से हम उसके नाम का खुलासा नहीं कर सकते)।
क्या नेताओं पर नहीं लागू होता वाहन अधिनियम-
जब देश का वाहन अधिनियम आम जनता और पुलिस पर लागू हो सकता है, तो नेताओं पर क्यों नहीं? क्या कोई नेता देश के कानून से बड़ा होता है? यदि ऐसा नहीं है तो उनका भी चालान काटा जाना चाहिए।
लाम करता है। तो वहीं उस पुलिस वाले की पीड़ा को भी नहीं समझने की कोशिश की गई जो देर रात रिलीव हुआ था और उसको अलसुबह ही बुला लिया गया। नींद की झझक में वो हेलमेट लेना क्या भूला कालीबाड़ी चौराहे पर उसका भी चालान काट दिया गया (सुरक्षा कारणों से हम उसके नाम का खुलासा नहीं कर सकते)।
क्या नेताओं पर नहीं लागू होता वाहन अधिनियम-
जब देश का वाहन अधिनियम आम जनता और पुलिस पर लागू हो सकता है, तो नेताओं पर क्यों नहीं? क्या कोई नेता देश के कानून से बड़ा होता है? यदि ऐसा नहीं है तो उनका भी चालान काटा जाना चाहिए।
चौक-चौराहे राम भरोसे
चालान की दुकान चलाने में व्यस्त पुलिस ने तमाम चौक-चौराहों पर होने वाली भीड़ की भी परवाह नहीं की। आज भी सुबह शहर का बूढ़ापारा बिजली ऑफिस चौक  और जयस्तंभ चौक तक पर कोई पुलिस वाला नहीं दिखाई दिया। यही कारण है कि राजधानी के तमाम चौक-चौराहे सुबह पीक ऑवर्स में भी खाली रहते हैं। दोपहर और शाम को इसी का फायदा बाइकर्स, और चेन स्नेचर्स उठा रहे हैं।
रिपोर्टर ने मांगी जानकारी
तो काट दिया चालान
रविवार को सुबह महिला थाना चौक पर कार्रवाई कर रहीं पुलिस अधिकारी मीना चौधरी से हमारी सरकार संवाददाता ने कार्रवाई की जानकारी क्या मांगी उन्होंने रिपोर्टर का ही 12 सौ रुपए का चालान काट दिया। स्टॉफ ने जाकर पैसा पटाया तब जाकर वाहन छोड़ा गया।
12 सौ दोपहिया वाहनों
पर हुई कार्रवाइ
रविवार को कुल 12 सौ दोपहिया वाहनों पर कार्रवाई की गई। ये जानकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बलराम हिरवानी ने दी। उन्होंने कहा कि यातायात अधिनियम का पूरी तरह पालन किया जाना चाहिए। सवाल तो यही कि क्या ये नियम कायदे सिर्फ गरीबों के लिए ही बने हैं? नेताओं पर कोई नियम क्यों   नहीं लागू होता?
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