अंबिकापुर में ग्रामीणों को आया ताव तो बना डाली नाव


अंबिकापुर।  प्रतापपुर के खडगवां मार्ग में 12 अगस्त की तूफानी बारिश में महान नदी पर बने पुल के बह जाने के कारण संभाग मुख्यालय से कई गांवों का संपर्क टूट गया है। पूरा क्षेत्र टापू में तब्दील हो गया है। ग्रामीणों को संभाग एवं जिला मुख्यालय जाने करीब 80 किमी का अतिरिक्त सफर करना पड़ रहा है। प्रशासन की चुप्पी और अधिकारियों की अनदेखी से त्रस्त ग्रामीणों को जब आया ताव तो उन्होंने हाथोंहाथ बना डाली नाव। अब उसी के सहारे उनके बच्चे और वे इस पार से उस पार जाएंगे।
आवागमन के अभाव में ठप पड़ी कोयले की खदान-
महान- 2 खदान से कोल उत्पादन एवं परिवहन पूरी तरह ठप है। शासकीय कार्यालयों एवं स्कूलों पर भी इसका असर दिखई पड़ रहा है। क्षेत्र की करीब एक लाख से अधिक की अबादी परेशान है फिलहाल पुल निर्माण की प्रक्रिया शासन-प्रशासन स्तर पर रफ्तार पकडती नजर नही आ रही है। मिली जानकारी के अनुसार पुल के बहने की जांच के पश्चात ही नये पुल हेतु सर्वे करा बजट आबंटन कर निर्माण कार्य शुरु कराया जाना है। इस प्रक्रिया में करिब दो वर्ष का समय लगने का अनुमान है।
दो गांवों के लोगों
ने बनाई नाव-
गौरतलब है की इस समस्सया के बीच खडग़वां एवं केरता के ग्रामीण अपने स्तर पर लकड़ी की नाव बना लिए है ताकि किसी तरह नदी पार किया जा सके. लकड़ी की नाव एवं अप्रशिक्षित लोगों द्वारा नाव का संचालन किया जाना  कभी भी जानलेवा साबित हो सकता है।
ग्रामीणों ने मांगी
 स्पीड बोट-
ग्रामीणों ने स्कूली छात्रों एवं आमजन की समस्याओं को ध्यान मे रख जल्द से जल्द पुल निर्माण की मांग की हैं। साथ ही तत्कालीन व्यवस्था के लिए शासन -प्रशासन से  बोट की   शेष पृष्ठ 5 पर...
 मांग की है ताकि आम-जन को इस मार्ग से आवाजाही में कुछ राहत मिल सके। दरअसल इस पुल के टूट जाने से आमजनों के साथ साथ महान कोलरी और महामाया शक्कर मील को भी खासा नुकसान झेलना पडमांग की है ताकि आम-जन को इस मार्ग से आवाजाही में कुछ राहत मिल सके। दरअसल इस पुल के टूट जाने से आमजनों के साथ साथ महान कोलरी और महामाया शक्कर मील को भी खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है।

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