मोदी ने खोदी जीएसटी की मांद
कटाक्ष-
निखट्टू-
लो भइया जीएसटी बिल हमारी विधान सभा से भी बिल खोदकर निकल गया। संसद में पहले ही उसकी मांद मोदी जी बना चुके थे। अब इस चक्कर में मत रहना कि आप पैसे बचा लेंगे। जो महंगाई डायन पहले डंडा लेकर सीने पर चढ़ी रहती थी, अब वो सीधे एके -47 सटाएगी और पैसे ले जाएगी। यानि ये बिल अब बैठाएगा ढेरों लोगों का दिल। सुनने में आ रहा है कि खाने -पीने की चीजें महंगी हो जाएंगी। कारें, टीवी और तमाम सामान सस्ते हो जाएंगे। तो कुछ लोग तो ये भी बता रहे हैं कि हर महीने 3 रिटर्न भी फाइल करने होंगे। इसमें अगर हुए फेल तो समझ लो जाना पड़ेगा जेल। उधर सीए वाले निकाल लेंगे आपकी जेब का सारा तेल। चौकीदार ने क्या चकाचक आइडिया निकाला है। लोगों की जेब पर सीधे कैंची चला दी। अभी तो ये महज सैंपल है, आगे अभी रेलवे की सब्सिडी का मामला भी उठेगा। इसके बाद रेल का सफर भी महंगा होगा। भाजपा के महान मोदी जल्दी ही लगता है हंसने और मुस्कराने पर भी टैक्स लगा देंगे। वैसे होना भी चाहिए, आखिर इनके रहते कोई भला क्यों मुस्कराए इनको छोड़कर? आखिर जिस बंदे ने चंदे में चौपर और जेट को इतने दिनों तक मुफ्त में उड़ाया उसको भी तो कुछ चाहिए कि नहीं?
एक लाख तीस हजार किलोमीटर की यात्रा, पांच हजार से ज्यादा सभाएं करने का रिकार्ड ऐसे थोड़े ही बन गया? कसम से अगर ऐसे हजार दो हजार चौकीदार भारत में होते तो फिर हम काहे को विकास के नाम पर रोते? 56 इंच के सीने दिखाते ही सारे संकट भाग जाते। वैसे देश के दर्जी भी अपनी मर्जी के मालिक लगते हैं। किसी ने भी प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी छाती नहीं नापी कि अब भी उतनी ही है या फिर कुछ कम हुई? या फिर कुछ और ज्यादा चौड़ी हुई? वैसे उनकी छाती चौड़ी हुई हो या नहीं मगर गरीबों के माथे जरूर सिकुड़ते जा रहे हैं। गायें मर रही हंै, किसान आत्महत्या कर रहे हैं। अस्पतालों में दवाएं नहीं हैं, डॉक्टर अपनी मर्जी से इलाज करते हैं। तो सुविधाओं के नाम पर असुविधाएं ज्यादा हैं। ऊपर से अब ये जीएसटी... ये ऐसी टी है कि मोदी जैसे कभी टी को उबाला करते थे ये वैसे ही देश की जनता को उबालेगी। गरीबों और कमजोर तबके के लोगों को जेल में डालेगी... समझ गए न सर..... तो अब हम भी निकल लेते हैं अपने घर। कल फिर आपसे मुलाकात होगी तब तक के लिए जय...जय।
निखट्टू-
लो भइया जीएसटी बिल हमारी विधान सभा से भी बिल खोदकर निकल गया। संसद में पहले ही उसकी मांद मोदी जी बना चुके थे। अब इस चक्कर में मत रहना कि आप पैसे बचा लेंगे। जो महंगाई डायन पहले डंडा लेकर सीने पर चढ़ी रहती थी, अब वो सीधे एके -47 सटाएगी और पैसे ले जाएगी। यानि ये बिल अब बैठाएगा ढेरों लोगों का दिल। सुनने में आ रहा है कि खाने -पीने की चीजें महंगी हो जाएंगी। कारें, टीवी और तमाम सामान सस्ते हो जाएंगे। तो कुछ लोग तो ये भी बता रहे हैं कि हर महीने 3 रिटर्न भी फाइल करने होंगे। इसमें अगर हुए फेल तो समझ लो जाना पड़ेगा जेल। उधर सीए वाले निकाल लेंगे आपकी जेब का सारा तेल। चौकीदार ने क्या चकाचक आइडिया निकाला है। लोगों की जेब पर सीधे कैंची चला दी। अभी तो ये महज सैंपल है, आगे अभी रेलवे की सब्सिडी का मामला भी उठेगा। इसके बाद रेल का सफर भी महंगा होगा। भाजपा के महान मोदी जल्दी ही लगता है हंसने और मुस्कराने पर भी टैक्स लगा देंगे। वैसे होना भी चाहिए, आखिर इनके रहते कोई भला क्यों मुस्कराए इनको छोड़कर? आखिर जिस बंदे ने चंदे में चौपर और जेट को इतने दिनों तक मुफ्त में उड़ाया उसको भी तो कुछ चाहिए कि नहीं?
एक लाख तीस हजार किलोमीटर की यात्रा, पांच हजार से ज्यादा सभाएं करने का रिकार्ड ऐसे थोड़े ही बन गया? कसम से अगर ऐसे हजार दो हजार चौकीदार भारत में होते तो फिर हम काहे को विकास के नाम पर रोते? 56 इंच के सीने दिखाते ही सारे संकट भाग जाते। वैसे देश के दर्जी भी अपनी मर्जी के मालिक लगते हैं। किसी ने भी प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी छाती नहीं नापी कि अब भी उतनी ही है या फिर कुछ कम हुई? या फिर कुछ और ज्यादा चौड़ी हुई? वैसे उनकी छाती चौड़ी हुई हो या नहीं मगर गरीबों के माथे जरूर सिकुड़ते जा रहे हैं। गायें मर रही हंै, किसान आत्महत्या कर रहे हैं। अस्पतालों में दवाएं नहीं हैं, डॉक्टर अपनी मर्जी से इलाज करते हैं। तो सुविधाओं के नाम पर असुविधाएं ज्यादा हैं। ऊपर से अब ये जीएसटी... ये ऐसी टी है कि मोदी जैसे कभी टी को उबाला करते थे ये वैसे ही देश की जनता को उबालेगी। गरीबों और कमजोर तबके के लोगों को जेल में डालेगी... समझ गए न सर..... तो अब हम भी निकल लेते हैं अपने घर। कल फिर आपसे मुलाकात होगी तब तक के लिए जय...जय।
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