5 लोगों की फोड़कर आंख लूटे कई लाख


कांकेर।  कांकेर में ढेर हो चुकी कानून व्यवस्था का दूसरा नमूना सामने आया है। यहां नि:शुल्क आंखों के ऑपरेशन की आड़ में स्मार्ट कार्ड से पैसे लूटने का खिलवाड़ चल रहा है। यहां की एक एनजीओ ने 5 लोगों की फोड़वाकर आंख उनके स्मार्ट कार्ड से कई लाख लूट कर आराम से बैठी है। जांच के बावजूद भी जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के हाथ कार्रवाई करने के नाम पर कांप रहे हैं। कांकेर के गरीबों को रायपुर लाकर उनके साथ ठगी की इस वारदात को अंजाम दिया गया। मगर अभी तक न तो एनजीओ और न ही उस अस्पताल पर कोई कार्रवाई की गई है। ऐसे में सवाल तो यही है कि गरीबों के पैसों की ऐसी लूट आखिर कब तक जारी रहेगी?
35 लोगों के साथ हुई ठगी, 14 की आंखों का करवाया निजी अस्पताल में ऑपरेशन, एनजीओ और निजी अस्पताल की मिली भगत
जिले में आंखों के ऑपरेशन के बाद लोगों के रोशनी खोने का मामला सामने आया है।  अब तक कुल 14 लोगों की आंखों के ऑपरेशन किए जाने की जानकारी सामने आई है, जिनमें से 5 लोगों की आंखों की रोशनी पूरी तरह चली गई है, जबकि 9 लोगों की रोशनी में कमी आई है। एक एनजीओ ने इस काम को अंजाम दिया।  इसके साथ ही उसने नि:शुल्क इलाज के नाम पर करीब 35 लोगों के साथ ठगी कर उनके स्मार्ट कार्ड से रकम भी निकाल ली।
गरीबों को लूट रही एनजीओ-
प्रदेश में गरीब परिवारों को नि:शुल्क इलाज के लिए राज्य शासन ने स्मार्ट कार्ड दिए हैं।  इसके माध्यम से हर परिवार तीस हजार रुपए तक की रकम इलाज के लिए खर्च कर सकता है।
इन स्मार्ट कार्ड पर कुछ कथित एनजीओ की नजर पड़ी और  उन्होंने अपने एजेंटों को गांव-गांव में भेजकर नि:शुल्क उपचार के नाम पर ग्रामीणों को अपने जाल में फंसाया और उनके स्मार्ट कार्ड की रकम को खाली करने में जुट गए।  । ये ऑपरेशन पिछले महीने अक्टूबर में हुआ था।
क्या है पूरा मामला-
कांकेर जिले के आदिवासी बहुल देवरी गांव में।  यहां एक  एनजीओ ने ग्रामीणों को मोतियाबिंद के नि:शुल्क ऑपरेशन के नाम पर रायपुर ले गया।  वहां एक निजी अस्पताल में उनकी आंखों का ऑपरेशन करवा दिया।  इस गांव के करीब 14 लोगों के ऑपरेशन किए गए।  ऑपरेशन के बाद लोगों की आंखों में तकलीफ होने लगी।  5 लोग अपनी आंख की रोशनी पूरी तरह से खो चुके हैं, जबकि 9 अन्य की आंखों की रोशनी कम हो गई है।

35 लोगों के स्मार्टकार्ड से निकाले पैसे-
डॉ.  रात्रे ने बताया कि इन ग्रामीणों को कोई एनजीओ मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए रायपुर ले गया था।  वहां  एक  निजी अस्पताल में इनका ऑपरेशन किया गया।  ऑपरेशन में प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया, जिस कारण ये दृष्टिहीन हो गए।  अब स्वास्थ्य विभाग इनका इलाज करवाएगा।
उन्होंने बताया कि इस मामले में जांच की जा रही है कि आखिर वो कौन सा एनजीओ, जिसने इस प्रकार के ऑपरेशन करवाकर लोगों की जिन्दगी से खिलवाड़ किया।  जांच टीम का कहना है कि इलाके में करीब 30 से 35 लोगों के स्मार्ट कार्ड से पैसे निकाले गए।  इस मामले में भी खोजबीन की जा रही है।  अभी तक 14 लोगों की आंखों के ऑपरेशन का पता चला है, जिनमें से 5 की आंखों की रोशनी पूरी तरह और 9 की आंशिक रूप से प्रभावित हुई है।  आसपास के गांवों में भी पता किया जा रहा है कि क्या और भी ग्रामीणों के ऑपरेशन हुए हैं।  उन्होंने आशंका जताई कि पीडि़त ग्रामीणों की संख्या और भी ज्यादा हो सकती है।
प्रशासन ने नहीं की कोई कार्रवाई-
फिलहाल जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से एनजीओ और संबंधित नेत्र केंद्र के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।  प्रशासन का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में सवाल तो ये है कि आखिर कब?
नि:शुल्क ऑपरेशन बताकर लगवाया कागज पर अंगूठा
पीडि़त लोगों का कहना है कि कुछ लोग उनके घर आए और कहा कि आप लोगों की आंखों का नि:शुल्क ऑपरेशन किया जाएगा।  आप लोग रायपुर चलिए।  ग्रामीण उनकी बातों में आ गए और रायपुर चले गए।  वहां उनकी आंख का ऑपरेशन किया गया।  नि:शुल्क इलाज के नाम पर भोले-भाले ग्रामीणों से कागजों पर अंगूठा लगवाकर उनके स्मार्ट कार्ड से रकम निकाल ली गई।

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