शिक्षक एक और दो-दो क्लॉस...





नवागढ।  विकासखंड के गाड़ामोर पंचायत के आश्रित गांव खपरी जी की प्राथमिक शाला में न तो शौचालय है, और न पर्याप्त कक्षाएं। यहां 84 बच्चों को पढ़ाने के लिए महज दो ही कमरे हैं। इसमें भेड़ बकरियों की तरह ठूंस-ठूंसकर बच्चों को पढाया जाता है। तो वहीं ओडीएफ घोषित हो चुके इस गांव की सच्चाई ये है कि यहां की इस शाला में भी कोई शौचालय नहीं बना है। इसके पीछे पूर्व और वर्तमान सरपंचों की आपसी दुश्मनी बताई जा रही है। इसमें महज दो ही अध्यापकों की नियुक्ति हुई है। व्यवस्था में सुधार नहीं होने के कारण गरीब अपने बच्चों का दाख़्िाला दूसरे स्कूलों में करवा रहे हैं। ऐसे में सवाल तो यही है कि क्या गरीबों के बच्चे- बच्चे नहीं हैं? अगर हैं तो फिर उनके साथ ऐसा बर्ताव क्यों?
दो सरपंचों की रस्साकशी के चलते चौपट हो रहा बच्चों का भविष्य
क्या है पूरा मामला-
सहायक शिक्षक विद्या कुमार टंडन ने बताया कि वर्तमान में शाला में  केवल दो ही शिक्षक हैं।  आलोक सिंह ठाकुर प्रधान पाठक हैं। शाला में बच्चों की कुल दर्ज संख्या 84 है,जिसमें बालक 38 एवं 46 बालिकाएं शामिल हैं।  इस स्कूल में केवल दो ही कक्षाएं हैं। इसके कारण हमें एक ही कमरे में दो कक्षाएं संचालित करनी पड़ रही हंै। जिसमें कक्षा चौंथी ,पांचवी एक साथ तो दूसरी तीसरी के बच्चों को एक साथ बिठाया जा रहा है।  अतिरिक्त कक्ष को किचन हॉल बना दिया गया है। 
अधूरा किचन शेड भी हुआ जर्जर-
रसोईया शंकर लाल मनहरे ने बताया कि मैं विगत 18 वर्षो से कार्यरत हूं। किचन सेड् का निर्माण वर्ष 2012 में पूर्व सरपंच चंद्रिका बघेल ने कराया था। जो किचन शेड् के मुताबिक बहुत ही छोटा तथा बिना फ्लोंिरंग किए ही सौंप दिया गया।  ये  किचन शेड भवन जर्जर पड़ा हुआ है।
कैसे पढाते हैं दो शिक्षक चार कक्षाएं-
 वहीं शिक्षकों की कमी होने के कारण बच्चों को एक साथ पढ़ाने में शिक्षक को समस्या हो रही है।  इस स्थिति में एक शिक्षक कक्षा पहली के बच्चों को लेखन कार्य देकर दूसरी कक्षा को पढ़ाता है। ठीक उसी प्रकार कक्षा चौथी एवं पांचवीं के  बच्चों को पढ़ाई करने में समस्या हो रही है।
न मरम्मत और न ही पोताई-
सहायक शिक्षक विद्या कुमार ने बताया कि एक वर्ष हो गया स्कूल भवन जर्जर पड़ा हुआ है। जिसकी मरम्मत तथा पोताई आज  तक नहीं हुई।   इसके बारे में कई बार हम सरपंच सचिवों को बोल चुके हंै।
सरपंचों की रस्साकशी-       
तो प्रधान पाठक आलोक सिंह ने बताया कि अभी  जहां  शास. प्राथमिक पाठशाला संचालित हो रही है,वह भवन स्कूल के नाम से नहीं था। इसको स्कूल भवन बनाया गया । वहीं अतिरिक्त कक्षा भवन को किचन शेड नहीं होने के कारण से किचन शेड बना के रखा गया है। और पूर्व सरपंच के बनाए किचन शेड एवं शौचालय को वर्तमान सरपंच बनाने से इंकार कर रही हैं। इसके कारण  हम लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
    वर्जन -
ग्राम खपरी जी में जो शौचालय एवं किचन शेड अधूरा पड़ा हुआ है, उसकी प्रथम किस्त हमें प्राप्त हुई है,बाकी राशि पंचायत के खाते में है। किन्तु वर्तमान व पूर्व सरपंच आपस में निजी रिश्तेदार हैं दोनों के आपसी मन मुटाव के होने के कारण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है।
    रामकिशुन साण्डे
    ग्राम पंचायत सचिव खपरी जी
हमें कार्य कराने में कोई आपत्ति नहीं है।  हम बीईओ. नवागढ़ तथा सीईओ. नवागढ़ को बोल चुके हैं,कि पूर्व सरपंच एवं वर्तमान सरपंच दोनों को एक स्थान में बैठाकर समझाया जाये तो ही कही जा कर अपूर्ण भवन पूर्ण होगा।
                                सरपंच पति मोहन लाल बघेल
                                  ग्राम पंचायत गाड़ामोर
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