अज्ञात लोगों ने जलाई लाखों की दवाई




 कांकेर।  जिले के अंतागढ़ विकासखंड के तेवड़ा गांव के किसानों नकली बीज दिए जाने का मामला अभी पूरी तरह थमा भी नहीं था, कि उसी  जिले के एक खेत में अज्ञात लोगों ने फसलों में डाली जाने वाली लाखों की दवाओं को खेतों में ले जाकर जला डाला। आश्चर्य की बात तो ये है कि इसका पता तक कृषि विभाग के अधिकारियों को नहीं चला? जब कि कानूनन दवाओं को कभी खुले में जलाया नहीं जाता। ऐसे में सवाल तो ये भी उठता है कि आखिर इन दवाओं को किसने जलाया? इसके पीछे उसकी क्या मंशा रही होगी?  राज्य के किसानों के साथ इसी तरह का मजाक किया जाना कहां तक उचित है? तो वहीं अगर इन दवाओं के जहरीले धुएं से किसी की मौत होती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? ये तमाम ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब कृषि विभाग के अधिकारियों को देना जरूरी है।

किसानों को नि:शुल्क दी जाने वाली दवाएं क्यों जलाई गईं? खुले में दवाओं को जलाना है गैरकानूनी

क्या है पूरा मामला-
अंतागढ़ के तेवड़ा गांव में किसानों को नकली बीज दिए जाने का मामला प्रकाश में आने के बाद जिले के कृषि विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए धान के मानक बीजों से लगाए गए धान में बालियां ही नहीं फूटीं। इससे वहां के किसान मुआवजे की मांग कर रहे थे।
तो वहीं कापसी के ग्राम पीव्ही 6 कमालपुर में एक वीरान खेतों में ले जाकर किसी अज्ञात व्यक्ति ने लाखों की दवाईयां जलाईं । सरकार इन दवाओं की आपूर्ति किसानों को मुफ्त में करती है। ऐसे में इतनी बड़ी तादाद में इन दवाओं की खेप यहां लाकर जलाई गई जो अपने आप में किसी बड़ी गड़बड़ी की ओर इशारा करती है। जब ये दवाई जल रही थी, तो एक जिम्मेदार नागरिक जागरूक किसान होने का परिचय देते हुए जलती हुई दवाइयों की तस्वीर खींची और हमारी सरकार को बताया।  जलाई गई दवाइयों में निमुड़ा कल्चर क्यूनाल फ़ास्ट इत्यादि जैसे कई दवाइयों की अच्छी खासी तादाद बताई जाती है।
ऐसे में सवाल तो ये भी उठता है कि क्या सरकार किसी भी व्यक्ति अथवा अधिकारी को ये अधिकार देती है कि सरकारी दवाओं को ले जाकर खुले में जला दे?
कृषि विभाग की लगती हैं दवाएं-
जो दवाएं जलाई गई हैं किसानों के अनुसार इनका प्रयोग खेती में किया जाता है। ऐसे में इन दवाओं का स्टॉक जरूर कृषि विभाग के पास रहा होगा। सरकार इन दवाओं को मुफ्त में किसानों को बांटती है।  ऐसे में कृषि विभाग को चाहिए कि वो इसकी मुकम्मल जांच करे कि किसने इन दवाओं को खुले में जलाया? इसके पीछे उसकी क्या मंशा रही होगी?
वर्जन-
ये एक बेहद गंभीर मामला है। मैं अभी इसका पता लगवाता हूं। इसके बाद इस पर प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।
चिरंजीव सरकार
उप संचालक कृषि
कांकेर।



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