मनरेगा के नाम पर लूट और मनमानी



 नवागढ़ जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत गोपालभैना में मनरेगा में मजदूरों का काम मशीनों से कराया गया। इसमें करोड़ों की मजदूरी का फर्जीवाड़ा तथा एक ही काम के कई बार दाम लेने की शिकायतें सामने आती रहीं। मामले में कलेक्टर बेमेतरा ने मंत्री के आदेश को भी दरकिनार करते हुए आरोपी सीईओ को ही जांच अधिकारी बना दिया है। ऐसे में सवाल तो यही उठता है कि क्या राज्य की अफसरशाही इतनी निरंकुश हो चली है कि वो मनमानी पर उतर आई है?
करोड़ों की जांच के नाम पर नाच, आरोपी सीईओ पर नहीं आई आज तक कोई आंच
क्या है पूरा मामला-
दरअसल ग्राम पंचायत गोपालभैना में मनरेगा के तहत करोड़ों के कार्य मजदूरों की बजाए मशीनों से कराए गए। इसमें मस्टररोल में फर्जीवाड़ा करके  तथा एक ही काम को कई बार पूर्ण हुआ दिखाकर करोड़ों का भुगतान करवा लिया गया। मामले की शिकायत तीन माह पूर्व कलेक्टर से की गई थी। उसके बाद दोबारा 15 अक्टूबर को  जितेंद्र सिंह ठाकुर ने जनसमस्या निवारण शिविर में किया था। वहां मंत्री दयालदास बघेल भी मौजूद थे। उन्होंने भी कलेक्टर बेमेतरा को आदेशित किया था कि इसकी प्राथमिकता से जांच कराई जाए।  तो वहीं कलेक्टर ने मंत्री के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए जांच का जिम्मा उसी सीईओ को सौंप दिया जिसके ऊपर इतने सारे आरोप लगे हुए हैं। अब जांच की रिपोर्ट क्या आएगी बताने की जरूरत नहीं।

 क्या कहता है कानून-
ग्राम पंचायत गोपालभैना में कुल 1180 मतदाता हैैं। लेकिन पंजीकृत मजदूरों की संख्या 1664 दर्ज है। उपरोक्त वर्षो में 70 से अधिक सप्ताह कार्य को मशीन के माध्यम से 8.46 सप्ताह में पूर्ण कराकर भष्ट्राचार का इतिहास रचा गया है। प्रति दिन /प्रति सप्ताह ग्राम पंचायत में पंजीकृत मजदूरों के लिए एक सौ ग्यारह मास्टर रोल की उपयांगिता होती है। इस प्रकार 70 से अधिक सप्ताह कार्य के लिये 7770से अधिक मास्टर रोल संधारण हुआ होगा। लेकिन सूचना के अधिकार में जनपद पंचायत नवागढ़ में मात्र 940मास्टर रोल की उपलब्धता जनपद पंचायत नवागढ़ में प्रदाय किया गया। इससे साफ जाहिर है। जनपद पंचायत नवागढ़ सी.ई.ओ. की मंशा जांच को बाधित कर लीपापोती करना मात्र है। ग्राम पंचायत में चिन्हित लगभग 1300सौं मजदूरों को कार्य नहीं दिया गया। और शेष मजदूरों को एक ही दिन में तीन-तीन कार्यो के संधारित मास्टर रोल में हाजिरी दर्ज करवा कर भ्रष्टाचार किया गया है। ग्राम पंचायत के मजदूरों के अनुसार भुगतान पश्चात उनसे पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा आधी राशि को दबाव पूर्वक वसूली गई।
एक ही काम के दो बार दाम-
ग्राम पंचायत गोपालभैना मे सड़क निर्माण कार्य  केवटपारा से मंदिर मेला पहुंच मांर्ग स्वीकृत राशि 7.98लाख रुपए ,राजाराम के कोठार केवटपारा से मंदिर मेला पहुंच मार्ग स्वीकृत राशि 10.70लाख रुपए एवं उपरोक्त दोनों कार्य स्थल एक हैै। उक्तकार्य का  दोहरा मूल्यांकन , सत्यापन ,भुगतान माप पुस्तिका में दर्ज है।  इसी तरह पहुच मार्ग रिसाअमली पुल से गोपालभैना केवटपारा तक स्वीकृत राशि 8.54 लाख,एवं केवटपारा गोपालभैना से रिसाअमली पुल तक पहुच मार्ग स्वीकृत राशि      15.58लाख रुपए व केवटपारा से डोगाघाट रिसाअमली तक पहुंच मार्ग स्वीकृत राशि 10 लाख रुपए ये तीनों कार्य स्थल एक हैं। प्रत्येक छ:माह में मूल्यांकन सत्यापन दर्ज है। इसी प्रकार कई अन्य सड़कें भी बिना कार्य के मूल्यांकन हुए ही भुगतान की स्थिति में हैं। नहर नाली निर्माण ग्राम गोपालभैना इसमें स्वीकृत राशि 4.73लाख व ग्राम रिसाअमली में 5.43लाख उपरोक्त दोनों कार्यो में जेसीबी.से खुदाई कर मजदूरों की फर्जी हाजिरी दर्ज की गई हैै।
क्या कहते हैं लोग-
फॅर्जी मूल्यांन ,सत्यापन, दर्ज कर भुगतान में भ्रष्टाचार किया गया है।    
मंत्री दयालदास के कहने के बाद भी फॅर्जीवाडे में लिप्त अधिकारियों को जांच के लिए अधिकृत करना कलेक्टर की मंशा को दर्शाता है।
    जितेन्द्र सिंह भुवाल ,रतनलाल शर्मां,सुखीराम सिंहा
        शिकायत कर्ता ग्राम गोपालभैना
हम आपको  ग्राम पंचायत गोपालभैना के संबंध में कोई जनकारी फोन पर नहीं दे सकते। यदि इस विषय में आपको जानकारी चाहिए तो आॅिफस में आकर जानकारी लें।
 तुलिका प्रजापति
मुख्य कार्यापालन अधिकारी जिला पंचायत बेमेतरा
इस संबध में हम कुछ नहीं बोल सकते क्योंकि जिला पंचायत द्वारा जांच टीम गठन किया गया था। जिसमें मेरा भी नाम शामिल था मंैै अपना नाम हटा देने के लिये कहा है।
रीमन सिंह ठाकुर
मुख्य कार्यापालन अधिकारी,जनपद पंचायत नवागढ़
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