पाई-पाई को मोहताज हुई बीसीसीआई
नई दिल्ली। इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट में पहले टेस्ट पर खतरा मंडरा रहा है। बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट में मैच के लिए फंड जारी करने की इजाजत मांगी है। इस पिटीशन पर सुनवाई होगी। बता दें कि लोढ़ा कमेटी ने बोर्ड पर बड़े अमाउंट जारी रखने पर रोक लगा रखी है। फंड पर कमेटी की निगरानी है। बता दें कि भारत और इंग्लैंड के बीच 9 नवंबर को पहला टेस्ट मैच होना है।
क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश...
- सुप्रीम कोर्ट ने 21 अक्टूबर को अपने ऑर्डर में कहा था कि बीसीसीआई लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें लागू करने के संबंध में हलफनामा दे। इसके बाद ही वह कोई फंड रिलीज कर सकती है।
बीसीसीआई सूत्रों के मुताबिक, 5 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी। लेकिन इससे पहले ही फंड रिलीज करने को लेकर बोर्ड ने पिटीशन लगाई।
खर्चा उठाने के लिए इंग्लैंड को पहले ही लेटर लिख चुका है बोर्ड
इससे पहले बीसीसीआई ने इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) को लेटर लिखकर साफ कर दिया कि दौरे के लिए उनके साथ समझौते पर दस्तखत होना मुश्किल हो गया है। ऐसे में, भारत पहुंच चुकी इंग्लैंड की टीम को यहां रहने-ठहरने का खर्च अपनी जेब से देना होगा।
- लेटर में कहा है कि एमओयू पर दस्तखत नहीं होने से भारत आए इंग्लैंड के खिलाडिय़ों को भुगतान करने में दिक्कत हो रही है।
- लेटर में यह भी कहा गया है कि एमओयू पर उन्हें हकीकत से वाकिफ कराया जा रहा है। लिहाजा, दौरे को लेकर आखिरी फैसला उन्हें लेना है।
बीसीसीआई को नहीं मिली थी इजाजत-
- बीसीसीआई ने लोढ़ा कमेटी को बताया था कि इंग्लैंड दौरे के लिए ईसीबी के साथ एमओयू पर दस्तखत नहीं हुए हैं। कमेटी अगर इजाजत दे तो इस दौरे के लिए पैसा रिलीज किया जाए।
- इस पर लोढ़ा कमेटी के सेक्रेटरी गोपाल शंकर नारायण ने जवाब दिया कि कमेटी का इंग्लैंड दौरे से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के मुताबिक, यह मामला उनके अंडर में नहीं है।
पहली बार हुआ ऐसा
- सीरीज होस्ट करने वाला देश दौरा करने वाले टीम के खिलाडिय़ों का पेमेंट और रहने-खाने के खर्च का भुगतान संबधित देश के बोर्ड को करता है।
- इसके लिए सीरीज से पहले दोनों देशों के बोर्डों के बीच एमओयू पर दस्तखत किए जाते हैं।
- यह पहला मामला है जब इंग्लैंड टीम भारत आ चुकी है और दोनों बोर्डों ने अब तक एमओयू पर दस्तखत नहीं किए हैं।
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