नोटबंदी पर संसद ठप, और सख्त हुई सरकार





 नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार और भी सख्त हो चली है। तो वहीं विपक्षी इसको लेकर दूसरे दिन भी  संसद के दोनों सदनों में हंगामा होता रहा जिसके चलते कार्यवाही सुचारु रूप से नहीं चल पाई। लोक सभा को पूरे दिन के लिए स्थगित करना पड़ा। वित्तमंत्री ने दोटूक लहज़े में कह दिया कि नोट बंदी अब वापस नहीं होगी। तो वहीं सरकार ने ये व्यवस्था भी कर दी है कि अब आम आदमी पेट्रोल पंप पर भी स्वाइप मशीन से दो हजार रुपए तक निकला सकेगा।
बेनामी संपत्तियों पर कसा सरकार का शिकंजा, जांच करने उतरी आईटी की 2 सौ टीमें, कैशलेस होने की ओर है देश की अर्थ व्यवस्था

नई दिल्ली।
गुलाम नबी आजाद से की माफी की मांग-
राज्यसभा में बीजेपी के सांसद गुलाम नबी आजाद से माफी की मांग कर रहे हैं।  दरअसल, गुरुवार को गुलाम नबी आजाद ने कथित तौर पर नोटबंदी से हुई मौतों को उड़ी हमले से जोड़ा था, जिसे लेकर बीजेपी के सांसद लगातार विरोध कर रहे हैं।
लोकसभा में बीजेपी ने जारी किया व्हिप-
वहीं लोकसभा में नोटबंदी पर विपक्ष चर्चा के बाद वोटिंग चाहता है, जिसे लेकर बीजेपी ने व्हिप जारी कर सांसदों को सदन में मौजूद रहने को कहा था।
पीएम ने की वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक-
वहीं नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में रणनीति को लेकर आज पीएम मोदी ने अपने वरिष्ठ मंत्रियों से मुलाकात की।  इस बैठक में अरुण जेटली, अनंत कुमार और वेंकैया नायडू मौजूद थे।
बॉक्स-
सख्त हुआ निर्वाचन आयोग कहा बैंक लोगों को न लगाएं स्याही

वित्त मंत्रालय ने बैंकों में भीड़ कम करने का तर्क देते हुए पुराने नोटों को बदलने के लिए उंगली पर अमिट स्याही का निशान लगाने की व्यवस्था शुरू की है।  लेकिन, चुनाव आयोग ने इसपर आपत्ति जताई है।  चुनाव आयोग ने इस बारे में वित्त मंत्रालय को एक चि_ी लिखी है।  चुनाव आयोग का कहना है कि आने वाले दिनों में कई राज्यों में चुनाव होने हैं।  ऐसे में अगर लोगों की उंगली पर अभी स्याही लगेगी, तो चुनाव के दौरान समस्या पैदा होगी।

बेनामी संपत्तियों की शुरू हुई जांच
 नोटबंदी के बोल्ड फैसले के बाद सरकार काले धन पर जबरदस्त चोट करने की तैयारी में है।  इसके लिए व्यापक स्तर पर कार्रवाई शुरू की गई है।  इसमें बेनामी संपत्तियों और महंगी प्रॉपर्टी पर खास नजर है और जांच शुरू कर दी गई है।
अवैध लेन-देन की भी जांच
जांच एजेंसियां काले धन का पता लगाने के लिए ये पता कर रही हैं कि किस के नाम हैं दुकानें और प्लॉट।  किसके नाम है बड़े बंगले और औद्योगिक प्लॉट। 
आयकर विभाग की 200 टीमें जुटीं
सरकार ने तमाम विभागों से सरकारी जमीनों का भी ब्यौरा मांगा है।  इसके तहत पता लगाया जा रहा है कि कहां कहां कब्जे हैं लिस्ट तैयार की जा रही है।  आयकर विभाग और अन्य विभागों की मदद से इन सब प्रॉपर्टीज का वेरीफिकेशन किया जा रहा है।  दो सौ से ज्यादा टीमें इन जगहों का सत्यापन कर रही हैं।

बेनामी ट्रांजेक्शन एक्ट 2016 के तहत होगी कार्रवाई
तथ्य जुटाने के बाद इन मामलों में सरकार कार्रवाई करेगी।  इन मामलों में दोषी पाए जाने पर बेनामी ट्रांजेक्शन एक्ट 2016 के तहत कार्रवाई होगी।  ये एक्ट एक नवबंर से लागू किया जा चुका है।  इसके तहत बेनामी संपत्ति जब्त की जा सकती है और सात साल की सज़ा का भी प्रावधान है।
जल्दी ही कैशलेस हो जाएगा देश-
केंद्र सरकार द्वारा जो कदम उठाए गए हैं उसके बाद अब अर्थक्रांति प्रतिष्ठान का मानना है कि अगले 6 महीने में भारत कैशलेस हो जाएगा। इसके बाद भारत में प्लास्टिक करेंसी और ऑनलाइन बैंकिंग चलेगी। शुक्रवार को ये बातें अमोद फाल्के ने कही। उन्होंने आगे कहा कि अगले 6 महीने से साल भर में भारत कैशलेस हो जाएगा और फिर सरकार 2000 और 500 रुपए के नोट भी हमेशा के लिए बंद कर दे।

बैंकिंग पर टैक्स रेवेन्यू 21 लाख करोड़ तक होगा-
बैंकिंग ट्रांजेक्शन टैक्स के अंतर्गत लोगों को 1-2 प्रतिशत टैक्स देना होगा। यह टैक्स केंद्रीय, राज्य और स्थानीय बॉडीज के बीच बांटा जाएगा। जब सभी ट्रांजेक्शन कैशलेस होंगे तो प्रतिष्ठान का मानना है कि बीटीटी को मिलने वाले टैक्स 21 लाख करोड़ तक पहुंच जाएंगे जो उन सभी टैक्सों से मिलने वाली रकम के बराबर हैं जो केंद्र और राज्यों द्वारा लगाए गए हैं।
राजधानी में बैंकों ने खड़े किए हाथ-
रायपुर। एक ओर केंद्र सरकार पर्याप्त करेंसी होने का दावा कर रही है। तो वहीं राजधानी के तमाम बैंकों ने शुक्रवार को हाथ खड़े कर दिए। दूर-दराज से आए लोगों में इसको लेकर काफी नाराजगी देखी गई। नोट बदलवाने पहुंचे लोगों को उस वक्त निराशा हुई जब पता चला कि बैंकों में कैश नहीं है।
एटीएम भी रहे खाली-खाली-
जब से एटीएम्स ने दो हजार का नोट उगलना शुरू किया है। तब से वहां भी कोई खास भीड़ नहीं दिखाई दे रही है। टिकरापारा, कालीबाड़ी और सिविल लाइन के तमाम एटीएम्स पर गिने चुने लोग ही देखे गए।
 स्वैप मशीनें भी रहीं खाली-
सरकार की घोषणा के बाद भी पेट्रोल पंपों पर स्वैप मशीनें तो दिखीं मगर उनका उपयोग न के बराबर ही हुआ। राजधानी के तमाम पेट्रोल पंप के प्रबंधकों ने बताया कि इसका उपयोग गिने-चुने लोग ही कर रहे हैं।




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