नोटबंदी पर विधान सभा में हंगामा, रुकी कार्यवाही




 रायपुर।  इसे कहते हैं सिर मुंड़ाते ही ओले पड़े। छत्तीसगढ़ की विधान सभा का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही हंगामा हो गया। विपक्ष ने नोटबंदी की चर्चा को लेकर जमकर हो हल्ला मचाया। मजबूरन स्पीकर को कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। दुबारा सदन की कार्रवाई शुरू हुई तो सदस्य शोरशराबा करते रहे ।

क्या हुआ सदन के अंदर-
कार्यवाही शुरू  होते ही सदस्य भूपेश बघेल ने कहा कि पांच सौ और एक हजार के नोट बंद हरने के कारण लोगों को काफी परेशानी  का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच विपक्षी सदस्य नारेबाज करने लगे। जवाब में सत्ता पक्ष के विधायक नारेबाजी करने लगे। इससे शोरशराबा होने लगा और सदन की कार्रवाई दस मिनट के लिए रोक दी गई। दस मिनट के बाद जब कार्रवाई दुबारा शुरू हुई तो सदस्य भूपेश बघेल ने कहा कि नोटबंदी पर चर्चा की जाए । उन्होंने इस पर व्यवस्था का प्रश्न उठाया। अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने कहा कि इस तरह से चर्चा तो प्रश्नकाल के बाद भी की जा सकती है मगर सदस्य सहमत नहीं हुए और शोरशराबा करने लगे। इस तरह से शोरशराबा बढते देख के सदन की कार्रवाई को 12 बजे तक के लिए स्थगित  कर दिया गया।
बैलगाड़ी से पहुंचे विधायकों को सुरक्षाबलों ने रोका तो उन्होंने अध्यक्ष को लिखा विशेषाधिकार हनन का पत्र

बैलगाड़ी से पहुंचे कई विधायक-
पहले दिन ही छत्तीसगढ़ जोगी कांग्रेस के विधायक अमित जोगी,आर.के.राय और कांग्रेस के विधायक सियाराम कौशिक बैलगाड़ी से विधानसभा के अंदर प्रवेश करने लगे तो उन्हें सुरक्षा जवानों ने भीतर आने से रोक दिया इससे वे नाराज हो गए। विधायकों ने बाहर  हंगामा कर दिया । विधायकों ने कहा कि भ्रष्टाचार के उड़ते फिरते नमूने अगस्ता हेलीकॉप्टर  पर कोई रोकटोक नहीं है तो छत्तीसगढ़  के ईमानदार किसान भाइयों की सवारी बैलगाडी पर रोक क्यों है? बैलगाडी छत्तीसगढ़ की पहचान है उसे विधानसभा के अंदर आने से रोकना गलत है पुलिस ने उन्हें घेर लिया तो उन्होंने  बैलगाड़ी में बैठकर ही  अध्यक्ष  को लिखा विशेषाधिकार हनन का पत्र कहा कि बैलगाड़ी से विस के अंदर आना कोई गुनाह नहीं है हमने कोई नियम नहीं तोडा है फिर भी क्यों रोका बैलगाडी से अंदर आने के लिए ? विधायकों ने कहा कि बैलगाडी तो  छत्तीसगढ़  की पहचान है उसे विधानसभा के  अंदर  तक न आने देना प्रदेश के 70 लाख किसानों का अपमान है । ये विधायक काफी देर तक हंगामा करते रहे। बाद में वे पैदल ही उतरकर विधानसभा के अंदर तक गए।

कुपोषित बच्चों पर आ सकता है ध्यानाकर्षण-

सात दिवसीय इस सत्र के पहले दिन कांग्रेस की ओर से मनरेगा के लंबित भुगतान और प्रदेश में कुपोषित बच्चों की संख्या में वृद्धि को लेकर ध्यानकर्षण प्रस्ताव लाया जा सकता है। विधानसभा में प्रदेश में महिलाओं के उत्पीडऩ के मामले पर भी चर्चा हो सकती है।
पक्ष-विपक्ष के कुल 830 सवाल-
विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने बताया कि पक्ष-विपक्ष के सदस्यों की ओर से 830 सवाल लगाए गए हैं। इनमें 446 तारांकित व 384 अतारांकित शामिल हैं। सत्र के पहले दिन पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और पर्यटन के सवालों का जवाब दिया जाना कार्यसूची में शामिल है। 16 नवंबर को दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया जाना प्रस्तावित है।
पांच संशोधन विधेयक भी होंगे पेश-
शीतसत्र में पांच संशोधन विधेयक भी पेश किए जा सकते हैं,इनमें छत्तीसगढ़ भाड़ा नियंत्रण संशोधन विधेयक, लोक आयोग संशोधन विधेयक, सहकारी समिति संशोधन विधेयक, गौसेवा आयोग संशोधन विधेयक व विनियोग विधेयक शामिल हैं। शीत सत्र के लिए ध्यानाकर्षण की 74, शून्यकाल की एक व नियम 139 के तहत तीन सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। अशासकीय संकल्प की 11 सूचनाएं मिली हैं।

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