मिट्टी में मिलती माया की काया

खटर-पटर-

निखट्टू
संतों- कबीरदास जी कह गए कि माया महाठगिनि हम जानी, तिरगुन फांस लिहे कर डोलै, बोलै मधुरी बानी। लेकिन उनको शायद इस बात का अंदेशा बिल्कुल भी नहीं रहा होगा कि इस देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कोई चीज हैं। ऐसा चाबुक चलाया सारी तिजोरियों और आलमारियों में ठूंस कर धरी सारी माया मिट्टी में मिल गई। अब उसको बटोरने वालों की भी मिट्टी पलीद होने वाली है। न गोली चलाई न बम आतंक के आ$काओं की सारी हैकड़ी खतम। यही नहीं नक्सलियों को भी नानी याद दिला दी। इसको कहते हैं सवा अरब लोगों का प्रधानमंत्री। पूरा पाकिस्तान हिलाकर रख दिया। दाउद के नकली नोटों के पे्रस में लटका दिया ताला। जो पाकिस्तान कुछ महीने पहले तक परमाणु बम की रट लगाए हुए था। उसकी ऐसी हालत पतली हुई कि खोजने से भी राह नहीं मिल रही है।  आतंक के सरगनाओं की ऐसी कमर तोड़ी है कि उनको उठकर खड़े होने में कई साल लगेंगे। कालेधन के कुबेरों ने तो ऐसा सोचा भी नहीं होगा कि हमारे ऐसे भी दिन आएंगे। तो वहीं देश के युवा वर्ग गर्व से कह रहे हैं कि काशी बम-बम बोल रही है। सारी दुनिया डोल रही है। एक ही झटके में सारी अवैध माया की काया मणिकर्णिका के घाट पर मिट्टी में मिलती दिखाई दे रही है।
अपने वादे को पूरा करने वाले एक मात्र नेता बन गए हैं प्रधानमंत्री मोदी। जो कहा वो कर दिखाया। काफी लोगों की तो समझ में अभी आया है मगर बाकी लोग भी 50 दिन के बाद इसको मानेंगे। लंबे अरसे के बाद देश को एक ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जिस पर देश का हर वर्ग गर्व कर रहा है। सरकार की धाक और नाक दोनों ऊंची होती जा रही है। अब माया की काया कैसे छोटी होती है ये भी इस देश में साफ-साफ दिखाई देगा। इनका न तो कोई येाग काम आएगा और न वैराग्य, क्यों समझ गए न सर.... तो अब हम भी निकल लेते हैं अपने घर.... कल फिर आपसे मुलाकात होगी, तब तक के लिए जै....जै।

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