चुनौतियों का समाधान





सर्जिकल स्ट्राइक के बाद आज फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेनाध्यक्षों के साथ बैठक की। इसमें पाकिस्तान की नापाक हरकतों का माकूल जवाब देने की रणनीति पर चर्चा हुई। सर्जिकल स्ट्राइक के सदमे में डूबा पकिस्तान लगातार भारतीय सीमाओं पर गोलीबारी कर रहा है। तो वहीं खुफिया विभाग की सूचनाओं पर अगर य$कीन किया जाए तो 3 सौ से ज्यादा प्रशिक्षित आतंकवादी पाकिस्तान की सीमा से भारत में प्रवेश करने की फिरा$क में बैठे हैं। पाक रेंजर्स उनको सीमा पार कराने के लिए कवर फायर भी लगातार देते हैं। तो वहीं दूूसरी ओर भारत लगातार अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाता जा रहा है। 36 राफेल के बाद अब जल्दी ही जापान से 12 एम्फीबियस यूएस-2 विमानों का सौदा करने प्रधानमंत्री जी जा रहे हैं। तो वहीं अमेरिका से प्रीडेटर और इरान से हेरॉन जैसे यूएवी को भी भारत लाकर उनको और भी घातक मिसाइलों से लैस किया जाएगा। इसके बाद तो भारत के पास वो क्षमता हासिल हो जाएगी कि वो अगर चाहे तो रोज की सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है। इसके बाद उसके किसी भी सैनिक का नुकसान नहीं होगा। बैठक में इन्हीं तमाम रणनीतियों पर विचार किया गया। भारत को चाहिए कि वो अब अपनी सीमाओं पर डीआरडीओ के बनाए अत्याधुनिक हथियारों और यूएवी की तैनाती करे। इसके लिए वो अमेरिकी प्रीडेटर्स की खेप को थोड़ा जल्दी मंगवा सकता है। इन विमानों के आ जाने से पाकिस्तानी बेईमानों को रोकने में काफी मदद मिलेगी। तो वहीं सेनाओं के जवानों की शहादत भी ज्यादा नहीं होगी। इसके आ जाने से चीन और पाकिस्तान से लगी हमारी सीमाओं पर घुसपैठ करने वाले घुसपैठियों को आसानी से काबू किया जा सकेगा। प्रीडेटर की खासियत भी यही है कि वो एक बार उड़ान भरने पर 36 घंटे तक हवा में रहता है। इसके अलावा एक साथ तमाम लक्ष्यों की  बारीकी से निगहबानी करता है। इनकी बारीक जानकारियों को मुख्यालय को मुहैय्या कराता है। जब ये बात वहां बैठे विशेषज्ञ पक्का कर लेते हैं कि वही सही टॉरगेट है तो वहां से बटन दबते ही ये अत्याधुनिक ड्रोन अपने लक्ष्य को अपनी अचूक निशानेबाजी से मटियामेट कर देता है। यही कारण है कि चीन और पाकिस्तान के कान खड़े हो गए हैं। दोनों देशों को कारगर जवाब देने के लिए हमारी सेनाओं को अब प्रीडेटर और हेरॉन जैसे यूएवी को तत्काल तैनात करना होगा।

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