जनसरोकारों पर चौकस सरकार






नोटबंदी से लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए केंद्र सरकार ने अपने  नियमों में फिर से परिवर्तन किया है। इसके चलते जहां आम आदमी की जेब काटी गई, तो वहीं किसानों के क्रेडिट कार्ड से निकासी की सीमा को 50 हजार तक किया गया है। इसके अलावा शादी करने वालों को भी ढाई लाख रुपए तक निकालने की छूट दी गई है। सरकार के फैसले के बाद से बजारों में जहां सन्नाटा पसरा हुआ है, तो वहीं बेटियों के परिजनों और किसानों के मुरझाए चेहरे पर रौनक लौट रही है। इसके साथ ही साथ सरकार ने तमाम लोगों पर लगातार शिकंजा कसना  शुरू कर दिया है। बैंको के मालामाल होने का फायदा भी देखने को मिलने लगा है। ऐसे में आयकर विभाग भी चौकस हो गया है। उसने भी ताबड़तोड़ छापे डालना शुरू कर दिए हैं। रायपुर के गुढिय़ारी में अचानक पता नहीं किसने अफवाह फैलाई कि आयकर वाले छापा डालने आ रहे हैं। बस क्या था...व्यापारियों ने अपनी-अपनी दुकाने बढ़ाईं और निकल भागे। ग्यारह बजे दिन को ही वहां अफरातफरी मच गई और देखते-ही देखते पूरे बाजार में सन्नाटा पसर गया। इसको कहते हैं कानून का डर। ये बात लोगों को अब महसूस हो रही है। प्रधानमंत्री का स्वच्छता अभियान इसी लिए इतना सफल रहा। इसको देश के हर नागरिक ने अपना समर्थन दिया, बल्कि ये कहें कि देते जा रहे हैं।
सरकार अभी अपने अभियान को लेकर और भी तमाम घोषणाएं समय-समय पर करेगी, इसमें कोई दो राय नहीं है। ऐसे में आने वाले समय में कालाधन रखने वालों की मुश्किलें और भी ज्यादा बढऩे वाली हैं। यानि- इब्तदा-ए इश्क है रोता है क्या, आगे-आगे देखिए होता क्या है।

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