9/11 को ही 9/11 का करारा जवाब


आतंकवाद और कालेधन के खिलाफ प्रधानमंत्री मोदी का मॉस्टर स्ट्रोक


 नई दिल्ली। यह तो किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक 9/11 ऐसा भी आएगा जिसमें विश्व के आतंकवादियों को एक करारा जवाब मिलेगा। एक 9/11 वह था जब अमेरिका पर आतंकवादियों ने हमला किया था और एक 9/11 यह है जिसमें हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवादियों पर एक बड़ा आर्थिक हमला किया है। यह हमला एक ऐसा हमला है जो निश्चित रूप के आतंकवादियों की जड़ों को कुछ तो हिलाने का काम करेगा। इसी के साथ अपने देश के अंदर बैठे भ्रष्टाचार करने वाले आतंकवादियों का भी सफाया होगा। इसमें भी संदेह नहीं है कि देश के आम लोग खासकर गरीब और मध्यम वर्ग के लोग कुछ दिनों तक परेशान रहेंगे, लेकिन इस परेशानी को हमें नहीं लगता है कि किसी को उठाने में कोई परेशानी होगी। प्रधानमंत्री ने जो फैसला किया है, वह वास्तव में स्वागत योग्य और साधुवाद देने लायक है। एक सबसे अहम बात यह है कि इस फैसले में इस बात का कहीं खुलासा नहीं है कि अगर किसी के शादी या और कोई बड़ा आयोजन है और उनके पास इसके लिए कुछ लाख रुपए हैं तो वह परेशानी से कैसे बचेगा। इस समस्या का भी समाधान जरूर सरकार को करना चाहिए, वरना ऐसे लोग परेशानी में पड़ जाएंगे। क्योंकि पैसों की जो सीमा तय की गई है, उसमें इनका काम चलने वाला नहीं है। ऐसे लोगों से पूरी जानकारी और जरूरी कागजात लेकर इनकी पूरी राशि को बदलने की भी व्यवस्था होनी चाहिए।
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भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सरकार का खुला फरमान
चीफ सिकरेट्री ने लिखा पत्र -तत्काल दें भ्रष्टाचारियों के लिए अभियोजन का अनुमति

रायपुर। सरकार के एक फरमान ने भ्रष्टाचारियों की नींद उड़ा दी है। राज्य सरकार ने सभी विभागों को दो टूक कह दिया है..कि वो भ्रष्ट अफसरों पर अभियोजन की इजाजत तत्काल दें। दरअसल भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ वर्षों से मामला लंबित हैज्लेकिन ना तो श्वह्रङ्ख और ना ही ्रष्टक्च को विभागों की तरफ से अभियोजन की इजाजत मिली है। लिहाजा कार्रवाई भी आगे नहीं बढ़ी है। अब जाकर शासन ने सभी विभागों को जारी निर्देश में कहा है कि अभियोजन स्वीकृति संबंधी प्रकरणों में तत्परता लाने के निर्देश दिया है। मुख्य सचिव विवेक ढांड ने राज्य शासन के सभी विभाग प्रमुखों को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट के न्यायदृष्टांतों के अनुपालन में केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा जारी आदेशों के अनुरूप अभियोजन स्वीकृति संबंधी प्रकरणों में तत्परता से कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा है। आयोग के आदेश की कापी भी विभागों को भेजी है।

क्यों जारी करना पड़ा निर्देश:-
भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के खिलाफ एसीबी और ईओडब्ल्यू द्वारा लगातार छापामार कार्रवाई की जा रही है। लेकिन आरोपी अफसर-कर्मियों के खिलाफ अब तक कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है। एसीबी और ईओडब्ल्यू में अलग-अलग विभाग के अफसर-कर्मियों के खिलाफ दो सौ से अधिक मामले लंबित हैं। कई मामले में अभी तक चालान भी पेश नहीं किया गया है।

सैंकड़ों मामले हैं पेंडिंग:-
पिछले नौ वर्षों में एसीबी ने करीब चार सौ अधिकारी-कर्मचारियों को रिश्वत लेते पकड़ा है। साथ ही एक सौ से अधिक भ्रष्ट अफसरों के घरों में छापामार कार्रवाई भी की गईज्ज्छत्तीसगढ़ के 45 आईएएस अफसरों खिलाफ भी शिकायतें लंबित हैंज्..

इनमें से दो अफसरों के खिलाफ ईओडब्ल्यू व एसीबी में प्रकरण दर्ज हैज्.. जबकि तीन अफसरों के परिवार द्वारा एनजीओ संचालित करने की शिकायत है।

400 करोड़ की काली कमाई:-
एसीबी व ईओडब्ल्यू की कार्रवाई में चार सौ करोड़ रुपए से अधिक की काली कमाई उजागर हो चुकी है। प्रदेश में अब भ्रष्ट अफसर-कर्मियों की संपत्ति कुर्क करने के लिए छत्तीसगढ़ विशेष न्यायालय अधिनियम 2015 भी प्रभावशील हो गया है। इसमें भ्रष्ट तरीके से अर्जित संपत्ति को राजसात करने का प्रावधान है।
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