यहां कराई जचकी तो होगी मौत


जांजगीर जिला अस्पताल में एक सप्ताह में हो चुकी है 5 महिलाओं की मौत

स्थानीय लोगों का कहना है कि जांजगीर के जिला अस्पताल में अगर किसी ने जचकी कराई तो उस महिला की मौत निश्चित है। इससे पहले भी इस सौ बिस्तरों वाले बदहाल अस्पताल में एक सप्ताह के अंदर 5 महिलाओं की मौत हो चुकी है। तो वहीं अस्पताल के सिविल सर्जन इसमें महिलाओं का ही दोष बता रहे हैं। ऐसे में सवाल तो यही उठता है कि क्या यहां जचकी कराने वाली महिलाएं खुद अपनी मौत की जिम्मेदार हैं? अगर हां तो फिर प्रशासन क्या कर रहा है?

 जांजगीर ।
क्या है पूरा मामला-
यहां का जिला अस्पताल गर्भवती महिलाओं के लिए सजा ए मौत बनता जा रह है।  यहां एक सप्ताह के अंदर पांच गर्भवती महिलाओं की मौत हो चुकी है। सौ बिस्तरों वाले जिला अस्पताल में एक भी शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं है।  साथ ही शिशु वार्ड भी नहीं है, इसके चलते शिशु रोग के मरीजों की जान इलाज के अभाव में चली जाती है।  जिला अस्पताल में एक शिशु रोग डॉक्टर की पोस्टिंग तो है, लेकिन उसे सीएमएचओ आफिस में अटैच किया गया है।
क्या कहते हैं सिविल सर्जन-
हालांकि लगातार हो रही गर्भवती महिलाओं की मौत को यहां के डॉक्टर महिलाओं की ही गलती बता रहे हैं।  अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ बीएस चंदेल ने बताया कि महिलाएं प्रसव के लिए अंतिम स्टेज में में भर्ती होतीं हैं, जिसके चलते उन्हें बचा पाना काफी मुश्किल होता है।
जिला अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाने के लिए सालाना लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन लगातार हो रही गर्भवती महिलाओं की मौत सारे दावों की पोल खोल रही है।
कितने व्यस्त रहते हैं स्वास्थ्य मंत्री-
इस मामले पर जब स्वास्थ्य मंत्री से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उनके पीए किन्हीं वर्मा ने बताया कि साहब अभी बहुत व्यस्त हैं। उनसे बात नहीं हो सकती। उनको मामले की गंभीरता बताई गई इसके बाद भी उन्होंने कोई रिस्पांस नहीं दिया। ऐसे में सवाल तो यही उठता है कि क्या वास्तव में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इतने ज्यादा व्यस्त हैं?
चीफ मेडिकल ऑफिसर ने बंद किया मोबाइल-
इस मामले पर जब चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. वी. जयप्रकाश से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई। तो उनका मोबाइल 9300408528 लगातार बंद पाया गया।
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