लूट पर टूट पड़ते लोग




कभी देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था कि सरकार से जो एक रुपए दिल्ली से निकलता है। वो जनता तक जाते-जाते महज 17 पैसे पहुंचता है। यानि 83 पैसे व्यवस्था और बिचौलिए खा जाते हैं। इसको लेकर काफी दिनों तक बहस होती रही। आखिरकार हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बात को बाकायदा माना कि हां ऐसा होता है। राज्य भी इससे अछूता नहीं है। सरकार इनको सातवां नहीं बीसवां वेतनमान दे -दे। जो बेइमान हैं उनका कुछ भी नहीं किया जा सकता है। वे अपनी आदत नहीं छोडऩे वाले। अलबत्ता ऐसे लोगों को अब कानून में बदलाव कर तत्काल बाहर का  रास्ता दिखा दिया जाए। तो उससे कुछ सुधार की उम्मीद की जा सकती है। यहां तो सारा मामला ही उल्टा है। यहां तो सरकारी नौकरी यानि अपनी बपौती है। बस एक बार घुस गए बस.... उसके बाद तो लाइफ सेटेल। बिना काम किए जहां आराम से मोटी तनख्वाह मिलती है। काम करें तो कमीशन अलग से। ऐसे में भला कौन होगा जो ऐसी नौकरी पाने से खुश न हो। पहले तो लोगों में कुछ सदाचार नाम की चीज थी। वे घुसखोरी को हेय दृष्टि से देखा करते थे। अब वो बात नहीं रह गई है। अब तो सरकारी अधिकारी घूस को अपना अधिकार मान बैठा है। कहीं-कहीं तो रेट तक तय कर दिए गए हैं। इनता पैसा दे -दो और अपना कागज ले जाओ। उसमें क्या गीला-गोपाला करना है वो अधिकारी ही आपको बता देंगे। इसमें इस चीज को ऐसा कर दो हम तत्काल प्रभाव से इसको जारी कर देंगे। हमारे देश के अधिकारियों की ईमानदारी का कहां तक बखान करें। वायुसेना के बहुद्देशीय लड़ाकू विमानों की फाइल दिल्ली की सड़क पर मिली थी। तो वहीं हमारे देश के टैंक अर्जुन का इंजन महज सौ किलोमीटर जाने में ही जल गया। इसके पीछे का कारण यही है कि सरकार रूस से 464 टी-90 टैंक खरीदने जा रही है। जांच में सामने आया कि टैंक के पायलेट ने उसको एक नंबर गियर में डाल कर दौड़ाया था। जब कि ये कठोर सत्य है कि अगर एक नंबर गियर में किसी भी गाड़ी को दूर तक ले जाया जाएगा तो उसका इंजन न सिर्फ गर्म होगा बल्कि सीज़ कर जाएगा। वहीं अर्जुन टैंक के मामले में भी समझ में आया। जांच में पता चला कि इस प्रोजेक्ट से जुड़े कुछ अधिकारी कुछ दिनों पहले रूस गए थे। जहां उनको गोरा-गर्म गोश्त उपलब्ध कराया गया था। उसके साथ ही साथ लक्ष्मीनारायण के  माध्यम से भी सेवाएं की गई थीं। इसके बावजूद भी मामले की फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। उसके बाद भी देश रूस से टी-90 टैंकों की खरीद कर रहा है। भ्रष्टाचार पूरे देश में चरम पर है। इसमें कोई दो राय नहीं है। तो वहीं छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में भी ये चरम पर है। जिस विभाग के मंत्री यहां के विधायक बताए जाते हैं। उन्हीं के विधान सभा क्षेत्र में ठेकेदारों और अधिकारियों को प्रशासन ने लूट की छूट दे रखी है। यहां लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी की तमाम योजनाएं इसी अव्यवस्था की शिकार हो चुकी हैं। तो वहीं सरकार जानबूझकर गांधारी बनने की तैयारी कर रही है। ऐसे में बिल्कुल भी नहीं लगता कि आगामी विधान सभा में इनको यहां से टिकट भी मिल सकेगा। दो दिनों में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह रायपुर आ रहे हैं। वे इन्हीं सारी चीजों को तलाशेंगे। इसके अलावा उनका सम्यक हल निकालने की कोशिश करेंगे। जानकारों का तो यहां तक मानना है कि इस बार सिर्फ  और सिर्फ जीतने वाले प्रत्याशियों को ही टिकट दिया जाएगा। ऐसे में लूट पर टूट पडऩे वालों को सावधान हो जाना चाहिए।
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