नोट बैन से करोड़ों का हवाला कारोबार चौपट


रायपुर। पांच सौ और एक हजार रुपए के नोट बंद होने के साथ ही राजधानी का करोड़ों का हवाला कारोबार लगभग चौपट हो गया। हवाला कारोबारियों के करोड़ों रुपए अब बेकार हो गए हैं। उम्मीद जताई जा रही है, रायपुर में अब न लूट होगी और न ही गोली चलेगी। रायपुर हवाला कारोबार का हब माना जाता है। राजधानी रायपुर में एक दिन में ही 400 से 500 करोड़ रुपए का आदान-प्रदान होता है। इनमें ज्यादातार पांच सौ और एक हजार रुपए के नोट होते हैं। ये नोट बंद होने से इस गोरखधंधे को झटका लगा है।
जानकारों की अगर मानें तो रायपुर में हवाला और एमसीएक्स का बड़ा कारोबार है। यहां दिल्ली, मुंबई, भोपाल के अलावा अन्य दूसरे राज्यों के व्यापारी हवाला के माध्यम से काली कमाई का ट्रांजेक्शन करते हैं। कुछ व्यापारी हवाला एजेंट के तौर पर काम करते हैं। पुलिस की कार्रवाई में कई बार यह उजागर हो चुका है।

चोरों की कमाई भी उनके काम नहीं आई-
पिछले दिनों कई सर्राफा कारोबारियों पर हमले हुए और उन्हें गोली मारकर लाखों रुपए लूटे गए थे। इन केसों को हवाला कारोबार से जोड़कर देखा जा रहा है। रायपुर में पंकज बोथरा हत्याकांड, प्रवीण नाहटा हमला, लालपुर शराब भट्टी, भनपुरी शराब भट्टी से लुटेरों ने लाखों रुपए लूटे हैं। अगर इस राशि को आरोपियों ने कहीं खर्च नहीं किया होगा, तो ये राशि अब किसी काम की नहीं है। लूट, चोरी, उठाईगिरी करने वालों से रकम की बरामदी को लेकर भी पुलिस चिंता में है। आरोपियों को पकडऩे के बाद उनसे लूट, चोरी या उठाईगिरी की रकम बरामद की जाएगी, लेकिन पुराने नोट होंगे। ये नोट किसी काम के नहीं होंगे। साथ ही बरामद होने वाले नोट पीडि़त पक्ष के लिए भी काम के नहीं होंगे। पुराने नोट के बदले नए नोट कैसे प्राप्त होंगे? इसको लेकर फिलहाल कोई आदेश नहीं है।
5 सौ का हुआ हेलमेट का चालान
ट्रैफिक पुलिस ने 1 नवंबर से बिना हेलमेट के वाहन चलाने वालों का चालान 200 से बढ़ाकर 500 रुपए कर दिया है। इसके बाद ट्रैफिक पुलिस ने सोमवार से अभियान शुरू किया था। अब पांच सौ और एक हजार रुपए के नोट बंद होने से उन्हें अपना अभियान और ट्रैफिक कार्रवाई भी बंद करनी पड़ी।
मालखाने में लाखों रुपए जमा
विभिन्न थानों में लूट, चोरी, जुआ आदि के लाखों रुपए जमा है। इनमें पांच सौ और एक हजार रुपए के नोट भी हैं। केंद्र सरकार के फरमान के बाद ये नोट भी बेकार हो गए हैं। अब इनका निराकरण कैसे होगा? इसको लेकर कई पुलिस अधिकारी उलझन में है। एएसपी रायपुर विजय अग्रवाल ने बताया कि अपराधिक मामलों में जब्त राशि या मालखाने की राशि एक तरह से शासन की है।

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